________________
शेष विद्या प्रकाश ::
बाद में २०२४ प्राषाढ़ बदी पाठम (गुजराती जेठ बदी पाठम) मंगलवार को उनसठवो अोली चालू की जो आज तक चालू है
और जहां तक हो सके वहां तक पारणा नहीं करना । जिन्दगी के अंतिम वन और वर्धमान तप के अंतिम वन सम्पूर्ण किये। अब वन से बाहर निकल कर बेधड़क निडर होकर तपस्या कर रहे हैं । शासन देव से प्रार्थना करते हैं कि सतावतजी को १०० पोली सम्पूर्ण करने की शक्ति प्रदान करें।
पन्यास भद्रंकर विजय गणि विसलपुर (राजस्थान) माह सुदी १५ सं० २०२५
Sias
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com