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पित्रीगण
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( ०३ )
पित्रीजांण पु० [सं० पितृयान] मरणोपरान्त जीव को परलोक
ले जाने का मार्ग ।
वित्रीगण पु० [सं० पितृगण] १ पिटर २ मरीचि प्रादि विद्यालो (बी), विद्यावली (भी) कि० १ प्राच्छादित करना, ऋषियों के पुत्र । ढकना । २ देखो 'पिदाणी' (बो) |
वित्रीगाथा - स्त्री० [सं० पितृगाथा ] पितरों द्वारा पढ़ा जाने वाला पिद्ध-देखो 'पीन्हों' ।
श्लोक विशेष ।
पित्रोरिस्ट पु० [सं० पितृरिष्ट] जन्म संबंधी एक कुयोग । वित्रीरूप पु० [सं०] पितृरूप] शिव पित्रीयनेचर पु० [सं० पितृ-वन-चर] शिव, महादेव १ । २ भूत-प्रेत ३ श्मशानवासी।
पथराव - पु० [सं० पृथु-राज ] राजा पृथु ।
पिथी, विधी- देखो 'पृथ्वी'
पित्रीवदन- पु० [सं० पितृ-बदन] कुश । पित्रीव्रत पु० [सं० पितृ-व्रत] पितृकर्म ।
पित्रीसू-स्त्री० [सं० पितृसू] १ पिता की माता, दादी । २ संध्याकाल ।
पित्रीता वि० [सं० पितृ-हंता ] पिता का हत्यारा, पिता-याती पित्रेस - पु० [सं० पितृ - ईश ] यमराज ।
पित्र सुर, विशेस्वर- पु० [सं० पितर ईश्वर ] १ यमराज । २ परलोकवासी पूर्वज ३ देवयोनि ४ देखो 'पितर' विच-देखो 'प्रयु'
।
पिashi - पु० १ कचूमर । २ नाराजगी । ३ फटकार । पदी (ब) ० १ खेल में किसी पक्ष या खिलाड़ी की पिटाई होना । २ अधिक चक्कर खाना, भाग-दौड़ करना । ३ बार-बार इधर-उधर घूमना । ४ परेशान होना, कष्ट
उठाना ।
पिदर- पु० [सं० पितृ] पिता । पिदाई - स्त्री० १ खेल में खिलाड़ी की सजा के रूप में होने वाली भाग-दौड़ । २ किसी कार्य के लिये बार-बार चक्कर लगाने की क्रिया । ३ परेशानी, कष्ट । ४ भाग-दौड़ । पाणी (बी), विदावणो ( बौ) - क्रि० १ खेल में किसी खिलाड़ी को अधिक दौड़ाना, पिदाई कराना । २ बार-बार चक्कर कटवाना, भाग-दौड़ कराना। ३ बार-बार इधर-उधर घुमाना । ४ परेशान करना, तंग करना ।
पिदियो ५० एक प्रकार की छोटी चिड़िया
पिद्दी स्त्री० एक प्रकार की छोटी चिड़िया । - वि० तुच्छ,
विधान पु० [सं० पिधानम् ] १ तलवार का कोष, म्यान ।
२ प्रावरण, ढक्कन ।
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विन स्त्री० [सं०] १ कागजों में लगाने की छोटी व बारीक कील । २ वस्त्रों में लगाने का तार का छोटा उपकरण । ३ स्त्रियों के बालों में लगाने की पिन । पिनक-स्त्री० १ अफीम का हल्का नशा । २ तन्द्रा, नींद ।
पिनकरण (बी) - क्रि० १ अफीम के नशे में झूमना । २ नींद का झोंका खाना ।
पिनकी वि० १ अफीमची । २ तंद्रित ।
पिनस देखो 'पीनस' २ देखो 'पिंजरा' | विनसन- देखो 'पेनसन' ।
पिनाक- पु० [सं०] १ शिवजी का धनुष ।
1
विनायक, पिनायय-देखो 'विनाक' विनारा देखो 'विजारा' ।
पिनारी- देखो 'पिंजारी' ।
पिम्म
३ धनुषाकार एक वीणा विशेष शिव, महादेव
पिनाकी, पिनास, पिनाकी पु० [सं० पिनाकिन] शिष
महादेव ।
पिपलीओ पु० एक प्रकार का वस्त्र विशेष । विपास, विपासा - स्त्री०
२ धनुष ।
विनिद्य वि० [सं० पिन पहना हुआ, धारण किया था। पिनाक- देखो 'पिनाक' ।
पिपरमिट, पिपरमेंट पु० [सं० पेपरमिट] १ पुदीने की जाति का एक पौधा । २ इस पौधे का अर्क । ३ इस प्रर्क के योग से बनी शक्कर की गोली ।
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पालि पोली-पु०
[सं० पिपासा ] प्यास, तृष्णा ।
उत्कण्ठा ।
पिपासित, पिपासी, पिपासु वि० [सं०] १ तृषित, प्यासा । २ उत्कण्ठित। ३ पीने का इच्छुक । विपीतकी - स्त्री० [सं०] वंशाख शुक्ला द्वादसी ।
पिपील, पिपीलक, पिपीलिक- पु० [सं० पिपीलः ] १ चींटा । २ एक प्रकार का सुवर्णं । पिपीलिका, पिपली स्त्री० चींटी ।
पिपी-देखो 'पीपौ' ।
पिप्पल - देखो 'पीपळ' ।
नगण्य ।
दिव्यास्त्री० [सं० पिण्याला] एक प्राचीन नदी ।
पिद्दो- पु० तुच्छ जीव ।
पिणी (बी) कि० [सं० परिवारसम्] १ बाच्छादित होना, पिप्पल, पिप्पली स्त्री० [सं०] पीपल नामक लता या उसका
ढका जाना । २ देखो 'पिदणी' (बी) ।
फल । - मूळ-पु० ० पीपल नामक लता की जड़ ।
fपकरण (बी) - देखो 'मूकरणी' (बो) ।
पिम्म, पिस्तु देखो 'प्रेम'