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यह केवल तुम्हारा प्रश्न ही नहीं है, यह मेरा भी है। तब से, मैं भी आश्चर्य करता रहा है कि इस
व्यक्ति रजनीश को क्या घटा था। उस रात एक क्षण को वह वहीं था, और अगले क्षण वह वहा नहीं था। तब से मैं उसे खोजता रहा हं बाहर-भीतर, लेकिन एक निशान तक भी पीछे नहीं छूटा, कोई पदचिह्न नहीं। यदि कभी मुझे मिल जाए वह, तो मैं याद दिलाऊगा तुम्हारा प्रश्न। या, यदि ऐसा होता है कि तुम कहीं मिल जाते हो उसे, तो तुम मेरी ओर से भी पूछ ले सकते हो प्रश्न।
ऐसा किसी स्वप्न की भांति ही होता है। सुबह तुम जागे हुए होते हो, तुम देखते हो चारों ओर, तुम स्वप्न को खोजते हो बिस्तर की चादरों में, बिस्तर के नीचे और वह वहां नहीं। तुम विश्वास नहीं कर सकते उस पर। क्षण भर पहले ही तो वह वहां था, इतना रंगीन, इतना वास्तविक और अचानक वह बिलकुल ही नहीं मिलता है और कोई रास्ता नहीं है उसे ढूंढ निकालने का। वह केवल एक आभास
था। वह कोई वास्तविकता न थी, वह तो एक स्वप्न मात्र था। कोई जाग जाता है और स्वप्न तिरोहित हो चुका होता है। स्वप्न को कुछ नहीं होता।
रजनीश को भी कुछ नहीं हुआ। पहली बात तो यह कि वह वहां कभी था ही नहीं। मैं सोया हुआ था,
और इसलिए ही वह वहां था। मैं जाग गया और मैं नहीं पा सका उसे। और ऐसा हुआ इतने अप्रत्याशित तौर से कि प्रश्न पूछने को समय ही न था। व्यक्ति तो एकदम खो गया, और कोई संभावना नहीं दिखती है उसे फिर से खोज लेने की। केवल एक संभावना होती है यदि मैं फिर से सो जाता हूं केवल तभी मैं पा सकता हूं उसे। और यह बात असंभव है।
एक बार तुम समग्र रूप से चैतन्य हो जाते हो तो अचेतन की बिलकुल जड़ ही कट जाती है। बीज जल जाता है। तुम फिर से अचेतन में नहीं गिर सकते।
रोज तुम रात को गिर सकते हो अचेतन में, क्योंकि अचेतन वहां मौजूद होता है। लेकिन जब तुम्हारा संपूर्ण अस्तित्व बोधमय हो जाता है, चेतन हो जाता है, तो तुम्हारे भीतर कोई स्थान नहीं रहता, कोई अंधेरा कोना नहीं रहता, जहां कि तुम जा सको और सो सकी। और बिना नींद के कहीं कोई सपने नहीं होते।
रजनीश एक स्वप्न था जो कि मुझे घटित हुआ। रजनीश को कुछ नहीं घट सकता है। स्वप्न को क्या घट सकता है? या यह वहां होता है, यदि तुम सोए हुए हो तो, या यह वहा नहीं होता जब कि तुम जागे हुए होते हो। सपने को कुछ नहीं घट सकता। वास्तविकता को स्वप्न घट सकता है, वास्तविकता नहीं घट सकती स्वप्न को। रजनीश मझे घटा स्वप्न की भांति।
अत: यही मेरा भी प्रश्न है। यदि तुम्हारे पास कान हैं तो सुनना और यदि तुम्हारे पास आंखें हैं तो तुम देख सकते हो! अचानक, एक दिन अब वह पुराना आदमी नहीं मिलता है घर के भीतर-मात्र एक