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जाती है। सत्तर या अस्सी वर्ष के वृद्ध व्यक्ति में भी, जिसका कि शरीर अब कामवासना में उतरने के योग्य भी नहीं रहा होता, हार्मोन्स के इंजेक्यान दिए जा सकते हैं और वह किसी मूढ़ युवा व्यक्ति की भांति व्यवहार करना शुरू कर देगा। वह पीछे पड़ जाएगा स्त्रियों के। वह शायद होगा व्हीलचेयर में, लेकिन तो भी वह पीछे जाएगा स्त्रियों के। ऐसा नहीं है कि व्यक्ति पीछा कर रहा होता है। वह तो शरीर के हार्मोन्स का रासायनिक- तंत्र ही वैसा कर रहा होता है।
एक बच्चा उत्पन्न होता है, हार्मोन्स तैयार नहीं होते, वे समय लेंगे तैयार होने में करीब चौदहवें वर्ष में वह कामवासना का आवेग पाने में सक्षम हो जाएगा। उस समय तक कोई समस्या नहीं। सेक्स - हार्मोन्स परिपक्य हो रहे होते हैं; ग्रंथिया तैयार हो रही होती हैं। अकस्मात चौदहवें वर्ष में फूट पड़ती हैं और बच्चा पगला जाता है। वह नहीं समझ सकता कि क्या हो रहा है!
चौदहवें और अठारहवें के बीच की आयु सबसे ज्यादा नाजुक होती है। बच्चा समझ नहीं सकता क्या हो रहा है? किसी चीज ने उस पर कब्जा कर लिया होता है। वह एक आधिपत्य होता है। प्रकृति ने अधिकार जमा लिया होता है। अब तुम तैयार होते हो; अब शरीर तैयार होता है, अब प्रकृति तुम्हें बाध्य करती है प्रजनन करने को कल्पनाओं की लहरें उठ खड़ी होती, स्वप्न होते, तुम बच नहीं सकते। जहां कहीं तुम देखते, यदि तुम पुरुष हो तो तुम केवल स्त्री को देख सकते हो, यदि तुम स्त्री होते हो, तो केवल पुरुष को देख सकते हो यह एक तरह का पागलपन होता है। निस्संदेह, प्रकृति को निर्मित करना पड़ता है इसे, वरना कोई प्रजनन ही न होगा।
तुम्हारा व्यक्तिगत जीवन दाव पर नहीं लगता है यदि तुम ब्रह्मचारी हो जाते हो नहीं, कोई चीज दाव पर नहीं लगती। इसके विपरीत तुम ज्यादा गहन रूप से जीयोगे, ज्यादा आसानी से क्योंकि ऊर्जा संरक्षित होगी।
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इसलिए पूरब के लोगों ने इसकी खोज की : उन्होंने खोज लिया कि कामवासना मृत्यु ज्यादा जल्दी ले आती है। इसलिए वे लोग जो ज्यादा दिन जीना चाहते थे, उनके अपने कारणों से, उन्होंने कामवासना को बिलकुल ही गिरा दिया। उदाहरण के लिए, हठयोगी जो ज्यादा जीना चाहते हैं, क्योंकि उनके पास बड़ी धीमी गति से चलने वाली विधियां होती हैं, बैलगाड़ी की रफ्तार की विधियां | उन्हें पूरा करने के लिए उनको बहुत लंबा समय चाहिए, उन्हें लंबा समय चाहिए उनके योग को पूरा करने के लिए। उन्होंने कामवासना को गिरा दिया पूरी तरह से। और कैसे उन्होंने गिरा दिया उसे? उन्होंने निर्मित की विशेष मुद्राएं जो शरीर के हार्मोन्स के प्रवाह को बदल देती हैं। उन्होंने निर्मित किए विशेष शारीरिक व्यायाम जिसमें वीर्य फिर से रक्त में मिल जाता है। उन्होंने बड़ी अदभुत बातें की शरीर के विषय में; विमुक्त हुआ वीर्य भी फिर से समाविष्ट किया जा सकता था शरीर में
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उन्होंने बहुत सारी विधियां निर्मित कीं काम ऊर्जा को आत्मसात करने की, क्योंकि काम-ऊर्जा जीवन-ऊर्जा होती है, बच्चा जन्मता है इसके कारण यदि तुम ऊर्जा को वापस अपने शरीर में