Book Title: Panchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Author(s): Kanakprabhashreeji
Publisher: Kanakprabhashreeji
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(12) वादाष्टक (13) धर्मवादाष्टक (14) एकान्तनित्यवादखण्डनाष्टक (15) एकान्तक्षणिकवादाष्टक (16) नित्यानित्यवादपक्षमण्डनाष्टक (17) मासमक्षणाष्टक (18) मांसभक्षणमतदूषणाष्टक (19) मद्यपानदूषणाष्टक (20) मैथुनदूषणाष्टक (21) सूक्ष्मबुद्धिपरीक्षणाष्टक (22) भावशुद्धि विचाराष्टक (23) जिनमतमालिन्यनिषेधाष्टक (24) पुण्यानुबन्धिपुण्यफलाष्टक (25) तीर्थंकरदानाष्टक (26) पुण्यानुबन्धिपुण्याष्टक (27) दानशंकापरिहाराष्टक (28) राज्यादिदानदोषाष्टक (29) सामायिकाष्टक (30) केवलज्ञानाष्टक (31) तीर्थंकरदेशनाष्टक (32) मोक्षस्वरूपाष्टक
2. षोडशक प्रकरण
आचार्य हरिभद्र ने इस कृति में एक-एक विषय को लेकर सोलह-सोलह पद्यों की व्याख्या की है। इसमें कुल 16 विषयों का संक्षिप्त विवरण देने का प्रयत्न किया गया है। ये षोडशक इस प्रकार हैं
1. धर्मपरीक्षा-षोडशक 2. सधर्मदेशना-षोडशक 3. धर्मलक्षण-षोडशक 4. धर्मलिंग-षोडशक 5. लोकोत्तर- तत्वप्राप्ति-षोडशक 6. जिनमन्दिर-निर्माण-षोडशक 7. जिनबिम्ब-षोडशक 8. प्रतिष्ठा-षोडशक
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