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छन्डन्न्न्ल
.. (प्रश्न ) पापका फ़ल क्या है ( उत्तर ) जो अपनेको अप्रिय, दुःखका कारण है| दुर्गतिको करनेवाला तथा रोग क्लेशादिको देनेवाला है-ये सवनिंदनीक कार्य पापके फल हैं । ( प्रश्न ) पापी जीवोंकी क्या पहिचान है । (उत्तर) बहुत क्रोध वगैरह कषायोंका
होना, दूसरोंकी निंदा, अपनी प्रशंसा और रौद्रादिखोटे ध्यानका होना-ये पापियोंके | हाचिन्ह हैं । (प्रश्न ) असली लोभी कोंन है (उत्तर) बुद्धिमान मोक्षका चाहनेवाला भव्य
जीव निर्मलआचरणोंसे तथा कठिन तपोंसे एक धर्मका सेवन करनेवाला ही लोभी है। 1. (प्रश्न ) इस लोकमें विचारवान कोंन है । (उत्तर) जो मनमें निर्दोष देव शास्त्र
गुरूका और उत्तम धर्मका विचार करता है, दूसरेका नहीं । (प्रश्न) धर्मात्मा कौन है| SII(उत्तर) जो श्रेष्ठ उत्तम क्षमा आदि दशलक्षण धर्मको पालनेवाला है, जिनेन्द्र देवकी||
आज्ञाका पालनेवाला बुद्धिमान् ज्ञानी और व्रती है-वही धर्मात्मा है दूसरा कोई नहीं । (प्रश्न) परलोकके जाते समय रस्तेका भोजन (टोसा) क्या है। (उत्तर) जो दान पूजा उपवास व्रतशील संयमादिकसे उपार्जन कियागया निर्मल पुण्य है-वही परलोकके
रस्तेका उत्तम भोजन है। (प्रश्न) इसलोकमें किसका जन्म सफल है (उत्तर) जिसने । हमोक्षलक्ष्मी के सुखको देनेवाला उत्तम भेदविज्ञान पा लिया-उसीका जन्म सफल है
दूसरेका नहीं।
न्डन्सन्छन्