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बड़े भारी वाजेसे आज सोतेसे जाग उठा है । हे विभो आपके प्रसादसे आपके चरणोंके आश्रित कितने ही भव्यजीव सर्वार्थसिद्धि स्वर्गको तथा कितने ही मोक्षको जावेंगे। जैसे आपकी वाणी सुननेसे देव मनुष्य पशुओंका समूह कर्मसंतानको मारनेके लिये
तयार हुआ है उसी तरह आपके विहार करनेसे आयखंडके रहनेवाले ज्ञानी भव्यजीव सभी सब तत्त्वोंको जानकर पापोंको नाश करसकेंगे।
हे स्वामी आपके पवित्र विहार (गमन ) से कितने ही भव्य जीव तपरूपी तलवारसे संसारकी स्थितिको काटकर श्रेष्ठ सुखका समुद्र ऐसे मोक्षको जायगे। कितने ही||३|| योगी आपके श्रेष्ठ धर्मोपदेशसे चारित्र पालन कर अहमिंद्र पदको साधेगे और कोई सोलह स्वर्गको जाइंगे । हे ईश इस संसारमें कितने ही मोही पापी जीव आपके उपदेशे |
हुए श्रेष्ठ मार्गको पाकर मोहरूपी वैरीको मारेंगे। Mall हे देव भव्योंको मोक्षद्वीपमें ले जानेके लिये चतुर व्यापारी तुम ही हौ और इंद्रिय
कषायरूपी चोरोंको मारनेके लिये महान् सुभट तुम ही हौ । इसलिये हे स्वामिन् आप भव्योंके ऊपर कृपाकर मोक्षमार्गकी प्रवृत्तिके लिये धर्मका कारण विहार करें । हे भगवन् । तुम मिथ्यातरूपी दुष्कालसे सूखे हुए भव्यरूपी धान्योंका धर्मरूपी अमृतके सींचनेसे