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दूसरा कोई भी कहने समर्थ नहीं है । अब अगर मैं इस बुड्ढेको अर्थ न बतलाऊं तो इस साधारण ब्राह्मणके साथ बादमें हारने से मेरा मान भंग होगा। इस लिये अब शीघ्र ही जाकर तीन लोकके स्वामी इसके गुरुके साथ चमत्कार करनेवाला विवाद करूंगा । उस उत्तम विवाद से बड़ी प्रसिद्धि होगी और जगत गुरुके सवबसे मेरी किसी तरह की भी हानि नहीं हो सकती। ऐसा मनमें विचार कर काललब्धि ( अच्छी होनहार ) से मेरित हुआ वह गौतम वोला । हे विम मैं तेरेसे विवाद नहीं करता तेरे गुरुसे ही करूंगा ।
ऐसा कहकर वह गौतमविप्र वेगसे पांचसौ शिष्यों और दो भाइयों सहित सभाके मध्य श्रीमहावीर प्रभुके पास जानेको घरसे निकला ।
बुद्धिमान् वह गौतम क्रपसे मार्गमें चलता हुआ मनमें ऐसा विचारने लगा कि जव यह बुड्डा ब्राह्मण ही असाध्य है तो इसका गुरु मुझसे कैसे जीता जाइगा | खैर महान पुरुषोंके संबंध से जो कुछ होगा वह ठीक ही होगा किंतु श्रीवर्द्धमान स्वामीके आश्रयसे कुछ लाभ ही होगा हानि नहीं हो सकती । ऐसा विचार कर वह गौतम विम पुण्यके उदयसे जगत्को आश्चर्य करनेवाले बहुत ऊंचे मानस्तंभों को देखता हुआ । उनके दर्शनरूपी वज्र से उस गौतमके मानरूपी पहाड़के सैंकड़ों टुकड़े होगये अर्थात् मान