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सवाने - उमरी.
पर - जो — ओशिया नगरीवाकेहै गये, जियारत कर, और वहांके शिलालेखोकी नकल अपनी नोटबुक में दर्जकिs, जमाने पेस्तरमें यह - उपकेशनगरीके नामसे मशहूरथी, ओशियानगर से खानाहो - कर वापिस जोधपुर आये, और रैलमें सवार होकर - पाली - मारवाडजंकशन होते आबुरोडटेशन उतरे, वहांसे खुश्कीरास्ते तीर्थकुंभारीयाजीकी - जियारतकों गये, जो ( १२ ) कोशके फासलेपर
है, पेस्तर इसका नाम आरासणनगरथा, वहांके आलीशानमंदिरोंकी जियारafts, और शिलालेखोकी नकल अपनी नोटबुकमें दर्जकर, तीर्थ - कुमारियासें रवानाहोकर आबुरोडटेशन आये, और रैलमेसवार होकर - अजमेर- खंडवा - भुसावल होते माघसुदी दुजकेरौज बालापुरगये, श्रावकोंने अर्जकिड़ कि - आप- हमकों मूत्र अनुयोगद्वार - सुनावे वडीमहरबानी होगी, महाराजने अनुयोगद्वार सूत्र - व्याख्यानमें सुनाया, इनदिनोंमें Description of Parasnath Hills, - " बयान - पारसनाथ - पहाड किताब " - बनाइ, जो छपकर जाहिरहो चुकी है, और हिंदके बडेबडे शहरोमे श्रावकोके पास पहुचचुकी है, दर - वयान - संवत् ( १९६५ ) - की - सालका ब - जरीये नजुमके इसीमें जाहिर कियाथा, नजुम सचाहै मगर शर्त यह है कि - उसको जाननेवाला चतरहोनाचाहिये, नजुमशास्त्रकों अच्छीतौर से देखागयातो इम्तिहान के मैदान में सचापाया, तीर्थकर गणधरोकी - यह - कमाल महेरवानी समझोकि-नजुमकों - वे - शास्त्रोंमें बयानफरमा गये, खयालकरोकि-नजुम - अगरसचा-न- होतातो नजुमी लोग - जमीनपर बेठकर आस्मानके सितारोका हाल बयान कैसेकरसकते ? आफताब - और - चांदकों - कब - और - किसरौज ग्रह
लगेगा कैसे बतला सकते, ? तीर्थकर - गणधर - और - पूवाचार्य आलादर्जेके नजुमीहुवे, चंद्रप्रज्ञप्ति - सूर्यप्रज्ञप्ति - भद्रबाहु संहिता - ज्योति -
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