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तवारिख - ओशियानगरी.
ते कुछरकम देना चाहै खुशीसेदेवे, छपीहुइ रसीद उसकी एवजमें मिलती है, वर्तन- विछौना वगेराकी दरकारहो- कारखानेसे मीलसकेगा, धर्मशाला एक - जिसमें (६) कोठरी और रसोइका मकान अलग बनाहुवा है, एककोठारी हीराचंदजीसचेती - साकीन अजमेरकी - एक फलौदीवालोकी-और- रसोइकी जगह -मुरतवालोंकी वनाइहुइ है, मंदिरकी वायव्यकोंनमें उपाश्रयभी पुख्ता बनाहुवा-मगर खाली पडा है, - एकदिन - बोथा - जो यहां महाराज रत्नप्रभमूरि जैसे प्रभाविक - जैनाचार्य - कदम रखतेथे आज-न-कोई आचार्य हैं-न मुनि है, उपाश्रयके सामने - एकधर्मशाला बनाइजायतो-याश्रीयोंकों आरामरहेगा-और-मंदिरकेकोटकी हिफाजतहोगी, ओशियानगरी के मंदिरमे (१५) मूर्त्तिये ऐसी मौजूद है - जोकोइश्रावक खर्चादेकर अपने शहरमें मंगानाचाहतो - मीलसकती है, और उसका दिया हुवा खर्चा - ओशियानगरी केमंदिरमें बतौर जीर्णोद्धारके लगायाजायमा, तीनमूर्त्तियेवडी - बारां छोटी है, ओशियानगरी कामंदिर बहुत बडा आलिशानथा, मगर दिन-ब-दिन चारोतर्फसें बालुरेतबढ जाने से अवलदरवजे की सीढीयां - बिल्कुलजमीनमें डटगई है, हरसाल फाल्गुनमुदी (३) केरौज यहांपर यात्रीयोंका मेलाभरता है, पोकरण फलौदीairs श्रावक लोग यहां आते है और मंदिर के शिखर पर धजा चढाइजाती है, - हरशरूशकों ऐसेतीर्थकी जियारत करनाचाहिये - ओशियानगरी में खतपहुचनेका पता, - पोस्ट - तीवरी- जिलाजोधपुर, मुकाम - आशियानगरी, इतनालिखनेसे वहांचीठी पहुच सकती है, तवास्खि अशियानगरीकी खतमहुइ.
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