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बयान-शहर-रतलाम-और-मंदसौर. ( ३२१ ) जिसमे तरहतरहके द्रख्त-और-गुलाब-केवडा-चंपा-जाइ-जुइ-गुल्दाउदी वगेराके फुल हमेशां उतरते है और पूजनमे चढाये जाते है, एक बडा तालाव यहां मौजूद है मगर-ऊंडा-कमहोनेकी वजहसे गर्मीयोके दिनोमें पानी सुक जाताहै, मौजे मकसीजीमें यात्रीयोंका आनाजाना हरवख्त बनारहता है, मकसीकी जियारत करके वापिस उज्जेन होते हुवे फतेहाबाद आना. और फतेहाबादसे-चांबल -बरनगर-रुणेजा-नोंगनवान-होते रतलाम जंकशन उतरना, रैलकिराया फतेहाबादसे रतलामतक छआने लगेगे,
- [बयान-शहर-रतलाम,-] ___ मुल्क मालवेमें रतलाम एक अछा शहर है, रतलामसे (७१) मील दोहद, (११६) मील गोधरा, (१५०) डाकोर और (१६९) मील आनंदजंकशन है, सन (१८९१) की मर्दुमशुमारीके वख्त रतलामकी मर्दुमशुमारी (२९८२२) मनुष्योकीथी, राजमहल यहांके उमदा मजबूत और मुस्तहकुम बनेहुवे है, चांदनीचौक-मानकचौक और बजाजखाना-ये-नामी बाजार है, जिसमें तरहतरहके माल असबाब मिलसकते है, चांदनीचौकमे-जहोरी-और-सराफलोगोकी दुकाने लगी हुइ है, बहार त्रिपोलिया दरवजेके एक अमृतसागर तालावजोकि-बारीशके अय्याममें-भराहुवा रहताहै काबिल देखनेके है, कचहरियां-अस्पताल-स्कुल-वगेरा मकानात लागतके बनेहुवे है, अफीम और अनाजकी तिजारत यहां अछी होती है, जैनश्वेतांबर श्रावकोके घर अंदाज (७००) और बडे बडे आलिशान जैनश्वेतांबर मंदिर यहांपर मौजूद है, यात्री शहरमें जाकर जियारत करे, रतलामसे दखनकी तर्फ एक कोसके फासलेपर क. रमदी नामका एक कस्बा है, जहांकि-तीर्थकर रिषभदेव महाराजका बडा आलिशान मंदिर-धर्मशाला-और-दो-कुंडपानीके बने हुवेहै,
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