________________
( ३४० ) तवारिख-कोचीन, जिनकों-कोचीन-कलिकोट तर्फ जाना हो-उधरको जावे, और जिनकों-बेंगलोर तर्फ आना हो-बेंगलोर नर्फ आवे,___ इरोडसे-कोचीन जानेके लिये-पोदनुर-उल्लाकोट-और-शौरनुर होती हुइ-जो-रेलवे लाइन गइ है उसमे सवार होकर कोचीन-जाय, टेशनसे करीव आध मीलतक टीमरमें वेठकर सामने कनारे जाया जाता है, किराया देहाना लगेगा. इरोडसे कोचीन तकका रैलकिराया, दो-रुपये-छ-आने लगेगे.
कोचीन मद्रास हातेके जिले मलेवारमें कोचीन-एक अछा कस्बा है, सन (१८९१) की मर्दुमशुमारीके वरखत-कोचीनकी-मर्दुमशुमारी (१७६०१) मनुष्योकीथी, जैनश्वेतांवर श्रावकोंकी आवादी-औरमंदिर यहांपर बना हुवा है, बाजार खुशनुमा-जिसमें-हरेक किसमकी चीजे मिलसकती है, समुंदरके कनारे एक-लाइटहाउसभी मौजूदहै, कोचीनको मलवारी लोग-कोची-वोलतेहै, इर्दगिर्द कोचीनकेनारियल-केले-कालीमीर्च-कपुरकाचली-पान-साग-कटहल-सोंठ
और-सुपारी वगेरा चीजे ज्यादह पैदा होती है, जगह सोहावनीबडे बडे द्रख्तोके झुंड-और-जंगल पडे है, कोचीनसे अलपाइ करीब (३०) कोसके फासलेपर वाके है, और छोटी टीमरमें बेठकर समुंदरके रास्ते जाया जाता है. किराया ष्टीमरका आठआने लगेगे, जैनश्वेतांबर श्रावकोके घर दसबारां और एक मंदिर यहांपर तामीरहै, धर्मशाला-एक-समुंदर कनारे मौजूद है, यात्री उसमे कयाम करे, और जैनमंदिरकी जियारत करे, अल्पाइमें नारियलकी रसी बहुत बनाइ जाती है. कोचीनसे एक टीमर सिलोनकों जाती है, तुतीकोरिनसे टीमरमें सवार होकरकेभी-कोचीन-आसकते है, अगर क.
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com