Book Title: Kitab Jain Tirth Guide
Author(s): Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 461
________________ दरबयान-शहर-बल्लारी-और-किष्कंधा. ( ३४३ ) नेकी जगहहै, जिसमें तरहतरहकी चीजे-और-नमुने-रखेहुवे-चुनाचे-गहने-पुशाक-सिक्के-हथियार-वगेरा-तरहतरहकी चीजेहिफाजतसे-रखीहुइहै, लालबाग यहांका एक मशहूर जगहहै जिसमें तरहतरहके फल और फुलकेद्रख्त-लगेहुवे-और-चारपाये जानवरोमे-शेर-हाथी-चीते-रीछ-बंदर-हिरनवगेरा मौजूदहै, परीदोमेंतोते-मना-कबूतर-और-रकमरकमकी चीडिया वगेरा रखीहुइहै, बेंगलोरसे एक पैदलसडक-जोलारपेठ होतीहुइ मद्रासको गइहै, एक-पश्चिम-और कुछदखन श्रीरंगपट्टन होकर-कनेनुरकों-गइहै,एकसडक पश्चिमतर्फ-मंगलूरको गइ, और-एकसडक-टुमकुर-हरिहर-हुबली-वेलगांव होतीहुइ-कोलापुर-और-पुनाकों गइहै, बेंगलोरसेरेलमे सवारहोकर-यशवंतपुर-यलहंका-रासनकुंटोडुडबालापुर--मकलीगड्ग-ठंडीभावी--गोरीबीदनुर--डडकुरुगाडहिंदुपुर-मलुगर-चाकरलापल्ली-पेनुकुंडा-मकाजीपद-नागसमुदरमधरमावरम-कडुकुर--अनंतपुर-गरलाडीनी-कुलुरु--पामीडी-खादरपेठ-और-गुलापलीयामु-होते-गुंटकलजंकशनआना, रैलकिराया -दो-रुपैयाचार आने नवपाइ, गुंटकल एक छोटासा कस्वाहै मगर रैलकाजंकशन-होनेकीवजहसे मशहूरहै, गुंटकलसे रैलमेंसवारहोकरबंटनाहाल-वाहाल-विरापुर-और-हगरी-होतेहुवे-बल्लारीजंकशन आना रैलकिराया सातआने नवपाइ, 3 ( दरवयान-शहर-बल्लारी-और-किष्कंधा,) गुंटकजंकशनसे ( ३० ) मील पश्चिमकी रुखपर निलेकासदर मुकाम-बल्लारी-एकरेलवेका टेशनहै, सन ( १८९१ ) की-मर्दुमशुमारीकेवख्त वल्लारीकी मर्दुमशुमारी मयछावनीके ( ५९४६७ ) मनुष्योंकी थी, जैनश्वेतांबर श्रावकोकी--आवादी और मंदिरभी यहांपर मौजूदहै, कस्वा बल्लारी दामनमें बसाहुवा बाजार रव ५४ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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