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नसीहत- उल - आम.
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लतपर घमंड करना ठीकनही, गोस्तखाना-और-शराबपीना मुताविकधर्मशास्त्रके फरमानसे पापहै, - जोशख्श अपने माबापकों गाली देता है पुरानादान है, जोशख्श अपनी पैदाशमेंसे आधा हिस्सा धर्मके काममें खर्चकरे उसकी तारीफ है, जो रुपये में चारआने खर्चे -वहदोयम दर्जे - और - जो एकरुपये में एक आनाभी धर्ममें खर्च करे - वोतीसरे दर्जे पर है, जोलोग बिल्कुलखर्च - धर्मकाममें - नही करते बडी भुहै, पेस्तरके लोग जब बुढापेके दिन आजातेथे दुनयवीकारोबार छोड़कर दीक्षा इख्तियार करते थे - या - तीर्थ भुमिमेंजाकर धर्मकरतेथे, बहुतसेलोग आजकल इसकामको भुलगये है,
१२ - पृथवी स्थालीके आकार गोलहै, और घुमतीनही बल्कि ! कायम है, चांद सूर्य बेशक ! घुमते है, अगर पृथ्वी घुमतीहो-तोएकशहर जो दुसरे शहरसे - उत्तरतर्क है कभी दखनतर्फ होजाना चाहिये, और जो दखनमें है उत्तरमें होजाना चाहिये, दुसरी दलील यहहै कि- किसीशहरमें समझो दोघंटतक वारशहोती रही इधर जमीन फिरनेवालोके फरमानसे फिरतीहुइ जमीन कोसोतकदूर चलीगइ, फिर वहांके तालाब पानीसे - न - भरनाचाहिये. और भरजाते है यह आमलोग अपनी आंखोसे देखते है इसकी क्यात्रजह, ? तीसरीदलील यह है कि - एक - परींदा अपने मालेसे आस्मानतर्फ उडा और कुछदेरतक सफरकरता रहा, इस अर्सेमें जमीन फिरतीमाननेवालो के खयालसे जमीन कोसोतक दूरचलीगई, फिर वह परींदा अपने मालेको कैसे पासकेगा ? और सब देखते है पासकता है, इसका क्यासबब, ? इल्मनजुम एक उमदा चीज है मगर जाननेवाला कामीलहोनाचाहिये, कवि होना यहभी एकइल्म और अकलके ताल्लुक है, हरकोई कहे - - कवि - बनजाउ तो यह होनही सकता, -
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