Book Title: Kitab Jain Tirth Guide
Author(s): Unknown
Publisher: ZZZ Unknown
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गुलदस्ते-जराफत. ( ३७३ ) ___ मालिकनेकहा यहबात तेरेपरभीतो गुजरेगी फिर नौकरी करने क्यौं आयाहै ? दुसरे नौकरकों हुकम-दिया इसको कानपकडकर घरसे निकालदो ऐसा नौकर किसकामका जो मालिकका हुकमन-माने और गुस्ताखी करे,
[ एक कमअकल लडकेका लतिफा ] ३-एक कमअकल लडका अपनी अम्माका हुकम लेकर नौकरीकरनेकेलिये गेरमुल्ककों चला, अम्माने कहा हरेकके शाथ नर्मीरखना और झुककर चलना, लडका जब घरसेचला, और दोचार कोसके फासलेपर पहुचा, रास्तेमें एक-तालावके-कनारे धोबी कपडे धोरहेथे, सुकायेहुवे कपडे अकसर कभीकभी चौरलोग लेजायाकरतेथे, और धोबीलोगभी हमेशां उसकी ताकमें लगेरहतेथे, पस ! इससुरतमें वह लडका उसरास्तेसे गजरा, जो झुकाहुवा चलाजाताथा, धोबीयोने समझा, सायत ! यहीचौर होगा, इसगुमानसे उसको पकडा और मारपीट करनेलगे, लडकेनेकहा मुजे क्यों मारतेहो ? मेंतो नौकरीकेलिये जारहाहुं. धोबीयोंने कहा ऐसा झुक कर छी पेहुवे क्यों जाताहै ? सिधाहोकर चलाजा, और साफ होजा लडका जब आगेको बढा-तो-क्यादेखताहै खेतोमें किसानलोग बीज डालरहेथे, देखकर इसनेकहा सब साफ होजाओ ! किसानलोग इसबातसे बडेनाराजहुवे और कहनेलगे अवे ! क्याकह रहाहै सब साफ होजाओ, यूं-क्यों नहीकहताकि-जैसा बहुतहो, इसवातकों सुनकर लडका अगाडीबढा-तो-एकगांवके बहार कइलोग मुर्दालिये आरहेथे, लडकेनेकहा, एसाबहुतहो-ऐसाबहुतकहो.इसबातको सुनकर लोग नाखुशहुवे, और कहनेलगे, अबे! एसामतकहो, यूं-कहोकि-ऐसाकभी-न-हो, लडका इसबातकों खयालमें
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