Book Title: Kitab Jain Tirth Guide
Author(s): Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 533
________________ गुलदस्ते - जराफत. ( ४१५ ) दुसरे लोगोके हाथपर बाल क्यों नही ? उसने जवाब दिया, आप देते है, और में लेता हूं इस बातकों देखकर वे लोग हाथ मसला करते है, इस लिये उनके हाथपरभी बाल नही, बादशाह इसकी हाजिर जवाबी से खुश हुवे, और बहुतसा इनाम दिया, - ६१ - [ एक उस्ताद और बेअदब लडका, ] उस्ताकी हमेशां इज्जत करना चाहिये, एक उस्ताद मदर्सेमें लडकेकों पढा रहेथे, उसमें एक लडका बडा गुस्ताख था, और ह"रेक बातपर बेअदबीका जवाब दिया करताथा, एक दफे उस्ताद उस लड़के के सामने बेंतकों सिधा करके कहने लगे हमारे बेंतके कोनेके सामने एक गधा बेठा है, लड़का फौरन ! बोल उठा बेंतके दो तर्फ कोने होते है आप किस तर्फके कोनेका जिक्र करते है ? उस्तादने उसका कान पकडकर तुरत मदर्सेसे निकाल दिया, ६२ - [ एक - बेवफा - लडका, ] एक लड़का जुआरीयों के शाथ जुआ खेल रहाथा, घरपर उसका वालिद इंतकाल हो गया, किसी रिस्तेदार ने आनकर उस लडकों कहा, तेरे वालिदका इंतकाल हो गया है, घर चल, ! लडकेने कहा, आप चलकर तयारी करे, में आता हूं, थोडी देरके बाद फिर उस शख्शने आनकर कहा, भैया! तयारी हो चुकी है, सिर्फ ! तेरे आनेकी देरी है, लडकेने कहा, अछी बात है, ले जानेका रास्तात इधरही है, आप ले आइये ! में भी यहांसे शाथ हो लुंगा, देखिये ! यह किस किसमकी गुस्ताखी है, ऐसे नामाकुल लडको के - होनेसे -न- होना बहेत्तर, एक मिसराभी इसपर बना हुवा है. नाखलफ ओलाके होनेसे - ना - होना भला, 7.3 Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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