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तवारिख - तीर्थ - भदीलपुर.
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गयाशहरकी मर्दुमशुमारी साहबगंजको मिलाकर (८०३८३) मनुप्योंकी - और - टेशनसें शहर कुछ फासलेपर है, सवारीकेलिये इक्का aft तयार मिलती है. --
(तवारिख तीर्थ - भदीलपुर )
गया शहर भदीलपुर खुश्की रास्ते करीव ( १६ ) कोशके फासलेपर वाकेहै, और वहांजानेके लिये (२) रास्ते है, एक शहर घाटी होकर दुसरा डोवीगांव तर्फ, शहरघाटीवाला रास्ता अछा है, गयासे शहरघाटी (१०) कौश - और - शहरघाटी से इंटरगंज ( ४ ) कोश - और हंटरगंज से ( २ ) कोशआगे हटवरीयागांव मिलेगा. गयाशहर से इक्का - बंगी - किराये मिलसकते है. इक्केका किराया जा
आते करीब ( ५ ) रुपये - और - बर्गीके दस या बारां समझो. खानपानके लिये गया शहर से बंदोबस्त करलेना बहेतर है, गयासे शुभहकों इकेमें रवाना होकर शामतक हंटरगंज पहुच सकोगे, वहां रातको ठहरकर शुभहकों हटवरीया गांव जाना, पहाडकी तराइमें झाडी झुखड - - द्रख्तोके झुंड और वीश पचीश घरोंका कस्बा - हटवरीया गांव- आबाद है, पेस्तर यहां भदीलपुर शहर
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आवादया,
दस तीर्थकर शीतलनाथ महाराज इसी भदीलपुरमें पैदाहुवे, चवन - जन्म -- दीक्षा - और - केवलज्ञान - - ये - चारकल्याणक उनके यहांहुवे, द्रढरथ राजाके घर नंदारानीकी कुखसें माघवदी ( १२ ) पूर्वाषाढा नक्षत्रके रौज उनका यहां जन्महुवा, बहुत अर्खेतक भदीलपुरपर सलतनत कि, दीक्षाके पेस्तर एक सालतक उनोने यहां खैरात कि, माघवदी ( १२ ) के रौज दुनियाके एशआराम छोडकर उनोंने यहां दीक्षा इख्तियार किr, और पोषवदी ( १४ )
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