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( ३०० ) नवारिख-मुल्क-आसाम-और-हाका. सदरमुकाम गोहाटी एक छोटासा कस्बाहै, जो ब्रह्मपुत्रानदीके दखन कनारेपरवाके है, आवादी इसकी (१०८१७ ) मनुष्योंकी-और इसके आगे (२) मीलकेफासले कामाच्या पहाडीपर एक-कामाक्षादेवीका मकानहै, जिलेकामरुपकी शुमालतर्फके हिस्सोंमें-हाथी-चीता-भालु-और-बडे हिरनवगेरा ज्यादह होते है, हरजगह जंगलोमें मोर-तोते-बगेरापरीदे द्रग्ब्तोपर कलोले करतेरहते है, और उनकी मीठीमीठी अवाजोसे आदमीयोंकी तबीयत खुशहुवा करती है, मुल्कआसाममें ब्रह्मपुत्रा नदीके दरवनकनारे ग्वालपाडा एक छोटाकस्वाहै, लखीमपुर-डिब्रुगढ-तेजपुर वगेरा औरभी कस्बे इसमें आवादहै, नेजपुरसे डिब्रुगढतक रास्तेमें बहुतसेचायके बाग फैलेहुवे है, ___ सुबेवंगालमें नारायणगंजसे (१०) मील पश्चिमोत्तर जिलेका सदरमुकाम-ढाका-एकअछा शहरहै, सन (१८९१) की मर्दुमशुमारीकेवख्त ढाकेकी मर्दुमशुमारी ( ८२३२१ ) मनुष्योंकीथी, मलमल ढाकेकी हरेकमुल्कमें मशहूर सानेचांदीका काम यहांका लाइकतारीफके-और-कसीदेकाकाम-दोरियाजामदानी यहां उमदावनाइजाती है, बंगालमें तोरसानदीके नजदीक कुचविहार एक अछा शहरहै, आबादी इसकी सन (१८९१ ) की मर्दुमशुमारीक वख्त (११४९१ ) मनुष्योंकीथी, एक सडक रंगपुरसे-कुचविहारहोकर जल्पाइगोडीको गइहै, सुबे बंगालके राजशाही विभागमें सिलीगोडीटेशनसे (५१) पश्चिमोत्तर दार्जिलिंग एक-खुशनुमाशहर और रैलका टेशनहे, सिलीगोडीटेशनसे दार्जिलिंग-हिमालयकी छोटीलाइन-पहाडके एक छोटे शिखरकी अतराफ घुमती हुइगइ है, भोटीया-तिब्बती-नयपाली-काबुली कश्मीरी पहाडी--और-हिंदुस्थानीलोग यहां बसते है, बाजार गुलजार-और-इतवारकरीज
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