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तत्रारिख - तीर्थ - सावथ्थी.
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और उनके कई मंदिर यहांपर बने हुवे है, अयोध्याकी जियारत करके यात्री सावथ्थी नगरीकी जियारतकोंजावे. अयोध्या से सरयूनदी पार होकर लकडा घाट टेशन जाना सरयूनदीका पुल धावा है रास्ता करीव सवाकोशका होगा, सवारीमें जानेवालोको इक्का मिलसकता है, पैदल जानेवाले पैदलभी जासकते है, लकड़ा घाट टेशनसे रैलमें सवार होकर कटरा - नवाबगंज-और टीकरी होतेहुवे मनकापुर जंक्शन उतरना रैलकिराया तीन आने तीनपाइ फिरवहांसे गोंडा लाइनमें सवार होकर विद्यानगर होते हुवे गोंडा जंकशनजाना, रैल किराया तीन आना, वहांसे रैलमें सवार होकर इंटियाथोक होते हुवे बलरामपुर टेशन उतरना रेल किराया
चारआना,
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तवारिख तीर्थ - सावथ्वी. ]
बलरामपुर टेशनसे खुश्कीरास्ते सातकोशदूर सावथ्वी पुरानातीर्थ है, टेशनसें शहर कुछफासलेपर है सवारीकेलिये इक्का - वगी तयारमीलेगी यात्री शहरमेंजाकर सरायमें ठहरे, और दूसरेरौज सावथ्थीकों जानेकी तयारीकरे, सावथ्थीकों आजकल सहेटमेटका किला बोलते है, और बलरामपुरसे सहेटमेटतक सडककची बनी हुइ है. सवारीकेलिये इका - बगी - जासकते है, इकेका किराया जाते आते अंदाज तीन या चाररुपये लगेगे, - शुभहके आठवजेके चले बारांबजेतक सहेटमेट पहुचसकतेहो, रास्ते में दुतर्फा द्रख्तलगे हुवे है, जब करीब सहेटमेटके पहचोगे कोशभर के फासलेपर द्रख्तोके झुंड में सडकपर इक्का ठहरजायगा, क्योंकि आगे इक्केजानेका रास्तानही है ख्वाह - अमीर हो - या - गरीब पैदल चलना होगा, जबकोशभर के फासजाओगे तुमकों सावथ्वीनगरी नजरआयगी, पेस्तर बहुतवडी आवादथी जमानेहालमे बिरानकस्वा रहगया, बडेबडे मकानात और
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