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तवारिख-तीर्थ-शौरीपुर. (२०५ ) हरनगांव फिरोजाबाद-और-मकनपुर होते सिकोहाबाद टेशनउतर रैलकिराया करीब छआने तीनपाइ लगते है,
PC ( तवारिख-तीर्थ-शौरीपुर, ) सिकोहाबाद टेशनसें सात कोशके फासले जमना कनारे शौरीपुर एक निहायत पुराना जैन तीर्थहै, यात्री सिकोहाबाद टेशन उतरकर सरायमें कयामकरे और खाने पीनेसें फारिगहोकर शौरीपुरजानेकी तयारी करे. सिकोहाबादसें चार कोश तक सडकपक्कीमिलेगी आगे कची है, इक्का-बेशक ! जासकताहै. मगर कमजोरघोडा बिल्कुल-न-चलसकेगा, इकेका किराया जातेआते अंदाज़ तीन रूपये लगेगा, और उसमे तीन सवारी जासकेगी, बडीफज़र सातबजे सिकोहाबाद सरायसे रवाना होकर-बारांबजे शौरीपुर पहुचसकतेहो और अगर तीर्थ शौरीपुरकी जियारत करके उसीरौज लोटना चाहोतो लोटसकतेहो मगर बेहतरहै एक रोज यहांपर कयाम करना, भगा भगीकी जियारत करना ठीकनही. सिकोहाबाद सरायसे रवाना होते वख्त खानपानकी चीज पुरीकचौरी मिठाइ वगेराका इंतजाम करलेना जैसी उमदाचीज यहांमिलेगी वहां-न-मिलेगी.
तीर्थकर नेमनाथमहाराजकी जन्मभूमि शौरीपुर-पेस्तर बड़ा आबाद और रवन्नक अफजूंथा, मगर जमाने हालमें वहरवनक नहीरही, पेस्तर बडेबडे दौलतमंद और खूशनसीब आवादथे जिनकेघर बेशुमार दौलतथी, आज लखपतिभी कमनजरआते है, सीर्फ एकहजार आदमीयोंकी वस्तीका कस्वारहगया, न कोइ-जैनश्वेतांवर
श्रावकहै-न-धर्मशाला सीर्फ ! जमनाफी वीहडमें एकऊंची पहाडी: पर मरम्मत पांच जैन श्वेतांबर मंदिरखडे है, जिनमें चार खालीहै.
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