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दरबयान- शहर - जयपुर.
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पके बने हुवे मीटीके बर्तन - इजीप्तकी तस्वीरोंके नक्शे -सुपारीकी बनी हुइलकडी - भरतपुरका बना हुवा - बांसकीचीरोंका बाजा - मुल्क arth मंदिरका नक्शा - आदमीका कलेवर - जिसमें नशे-पसलीहड्डीवगेराके आकारदेखकर दिलमें असर होता है कि - आदमीकाशरीर इनइन चीजों का बना हुवा है, - लंकानगरीका चित्र - दमयंतीका स्वयंवर - जयपुरके कारीगिरोने इसकदर चित्राम किया है कि - इन्सान देखकर ताज्जुबकरता है, जयपुरकेचितारे आला दर्जेके होशियार, चाहे जिस जगह जाकर देखो जयपुरकीसी नक्शकारी बहुतकमदे - खोगे, - दिवारपर (१४) राजेमहाराजों की तस्वीर - इसकदर उमदा चित्राम fast मानो ! अभी बोलने लगेगी. हरमुल्कके परींदेऔर जानवर - आफ्रिकाका - केशरीसिंह - जिसकी गर्दनपर केशोंका झुंडहोता है, शास्त्रों में जिसकों केशरीसिंह कहा - यहांपर मौजूद है, हरेक किसमके सांप- हरेक किसमको मछलीयें - मौर- कबुतर - तोते वगेरारखेहुवे है अजायबघर - इतवारकों बंद रहता है दुसरे दिनों में जबतबीयत चाहे जाकर देखलो, ! कोइ रोकटोक नही, -
शहरके बहार दादावाडी - उमदा - और - चरनप ( दुकाकी छत्री काबिलदेखनेके बनी हुइ है. जयपुर से थोडीदूरपर एक गलता - नामका स्थान - जलके झरने-कुंड और मैदान सोहावनी जगह है, जयपुरके जैनमंदिरोंके दर्शन करके यात्री - झालना -- सांगानेर - कनौता - वसई - झीर - जटवाडा - डोंसा - भाखरी - आरन-बांदीकुई - वसुवा राजगड - दिगवाडा - मालाखेडा - महवा - होतेहुवे अलवर टेशन उतरे रैलकिराया ग्यारह आने, - राजपुतानेके देशी राज्योंमें अलवर राज्यभी- अछा है, शहर अलवर में अछेअछे बाग - सराय - और - उमदा मकान बनेहुवे है, सवारीके लिये इक्का-वर्गाी-टेशनपर तयार मिलती है शहरमें जाकर वहांके जैनमंदिरोंके दर्शनकरो, -- सन्
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