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बयान - शहर- लाहोर - और - गुजरानवाल
( १९१ ) छावनी मियांमीर - लाहोरसें - तीनमीलदुरहै, शालामार बाग - टंकशाल दरवजेसें ( ६ ) मीलके फासलेपर काबिल देखनेकी जगहहै, सन ( १६३७) में बादशाह शाहजांके हुकमसें बनाया
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गयाथा, -
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लाहोरसें राविंड और - खानावाल जंक्शन होतीहुइ एकरैलवे लाइन मुलतानकोंभी गइ है, जोकि आगे - सिंध हैदराबाद और करांचीतक जारी है, मुलतान शहर बडा है, - जैन श्वेतांवर श्रावकोके घर अंदाज ( २० ) और - एक जैन श्वेतांबर मंदिर बाजार चुडीसराय में बना हुवा है, मूलनायक तीर्थकर पार्श्वनाथ महाराजकी मूर्ति संवत् ( १५६४ ) की प्रतिष्ठित इसमें तख्तनशीन है, दुसरी एकमूर्त्तिजोकि - बादामी रंगकी है राजासंप्रतिके वख्तकी बनी हुइ - वही निशानात उसपर पाये जाते है जोराजा संप्रतिकी बनाइ मूर्त्तिपर होते है, मुलतानसे डेहरा गाजीखान - नजदीक है और वहांभी जैन श्वेतांवर श्रावकों की आबादी और मंदिर है, - यात्रीकों- मुलतान जानेकी फुरसतहो तो जावे-और- अगर फुरसत - न - होतो शहर गुजरानबालको जाय,
[ बयान- शहर - गुजरानवाल. ]
लाहोरसें रैलमें सवार होकर बादामीबाग - शाहदरा - मुरीदकी कामोकी - और - अमीनाबाद होते गुजरानवाल टेशन उतरे, रैलकिराया सात आने - नवपाइ लगते है, जिलेका सदर मुकाम गुजरानवाल एकअछा शहर है, मर्दुमशुमारी गुजरानवालकी (२६७८५) मनुष्यों की लाहोरके महाराज रणजितसिंहके वालिद यहां रहते थे, जमाने हालमें अमलदारी यहांपर अंग्रेज सरकारकी जारी है, जिले गुजरानवाल के पश्चिमोत्तर चनाबनदी - और - शाहपुर जिला है, दखनपश्चिमकों झांग- मोंटगोमरी - लाहोर जिला - और - पुरवको
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