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तवारिख - तीर्थ - कंपिलपुर.
और रास्ता पेस्तर बतला चुकेहै, - टाइमटेबलमें सब कातका खुलासा लिखा रहता है देख लेना, - मुल्क पंजाबमें- शतजल-ब्यासा-रावी चनाव - और - जेहलम - येपांच बडीबडी नदीयां है, और इसी सबबसें इसका नाम पंजाब कहलाया, संस्कृत जवानमें पांचाल बोलते है, गाजियाबादसँ तीर्थकंपिलपुरकी जियारत के लिये रैलमें सवार होकर - मारीपट - दाद्री - अजायबपुर - सिंकंदराबाद - - वायर - चोला बुलंद शहर - खुर्जा- डामर - सोमना - कुलवा - अलिगढ - माद्रक - सासनी - हाथरससीटी ( अँड ) - हाथरस रोड - रतिकानागला - सिकं दरारोड -- अगसोली- मरेहरा- काशगंज- बधारकला - साहावारटाउन-गंजडुंडवारा--पटियाली- दर्वावगंज - और - रुदैन होते हुवे कायम गंजटेशन उतरना, गाजियाबादसे हाथरस जंकशन तक रैलकिराया एक रूपया एक आना, और हाथरस जंकशनसे कायम गंजतक चौदहआने लगते है, -
[तवारिख - तीर्थ - कंपिलपुर ]
'टेशन और कायमगंजके बीच एककोशका फासला है, सवाकेलिये इar - बगी - तयार मिलती है शहरमें जाकर सरायमें ठहरे, सराय यहांपर दोबनी हुई है एक बीचशहरके और दुसरी बहार, तीर्थ कंपिलपुर यहाँसे तीनकोशकेफासले पर वाके है, सडक कच्ची बनी हुई इक्का - बगी - मजे में जासकते है, कायम गंजसे शुभहके वख्त रवाना होकर जियारत करके शासकों वापिस आसकतेहो, खान पानकी चीजे वहां पर मिलसकेगी मगर उमदातौरपर नही, बहेतर है कायमगंज से इंतजाम करतेजावे - कंपिलपुर पेस्तर बडा गुलजार शहरथा, तेरहमे तीर्थकर विमलनाथ महाराज इसीकंपिलपुरमें पैदाहुवे - चवन - जन्म - दीक्षा - और - केवलज्ञान - ये - चार कल्याणक उनके यहां हुवे - कृतवर्मा राजा के घर - श्यामा रानीकी कुखसे माघ
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