________________
तवारिख तीर्थ- आबु,
( ११७ ) तनखाहमेंइनकारहना मुहाल है, कंवल-शतरंजीवगेराभी यहांकुछ नही, आनेजानेवालेयात्रीकों मुश्किलगुजरती है; औरपूजारीवगेराकभी किसीतरहका आरामनही. अगरकोइइकवालमंद - इस लेखपर गौरकरे और मजकुरसामान यहां भेजदेवे उमदाबातहै मुकामजंगलका है, एकasaiहोना यह जरूरी है, कोइखुशनसीब दसपनरांररुपयेकी घड़ी खरीदकर भेजदेवे. कोइमुश्किलकीबातनही, दुनीयाकेखराजात इसीतरह चले जाते है जोकुछनेकनामीकरोगे वही अच्छा है, शत्रुजय - गिरनारवगेरा तीथख चंदेने वाले बहुत है . - मगर ऐसे तीर्थमदेवे तारीफ उसकी ज्याद है, इसतीर्थकी देखरेख दांताकेभावकलोग रखते है, इमारतें सबमरम्मतचाहती है, तीर्थआरासणकी जियारतकरके बापिस उसी रास्ते आबुरोडटेशन आना,तचारिख तीर्थ आबु, ]
आबूरोडटेशन से आबुपहाडपरजानेकेलिये सडकपकीबनीहुइ घोडा - टटु - बेलगाडी - बगीवगेरासवारी पहाडकेसीरेतक जासकती है, यात्री - आबुरोड सेंसवारीका इंतजामकरके पहाडपरजाय, राजपुताना केजनुवी सरहदपर आबुएकमशहूरपहाडहै, आबुकासीर (१२) मीललंबा और (४) मीलचोडापहाडके उपरकामैदान जमीनकीसतइसे ( ३००० ) और समुंदरकी सतह ( ४००० ) फुटऊंचा है, औरजोसबसे बुलंद शिखर है उसकी ऊंचाई समुंदरकी सतह से (५६५० ) फुटहै, इस पहाडपरपेस्तर (१२) गांव आबादथे, अब (१५) होगये, ऊनकेनाम -१, देलवाडा, २- गवां, ३-तोरणा, ४- साल, ५-दुढाइ, ६ - हेटमची, ७ - आरणा, ८-मास, ९-सानी, १०- ओरिया, ११ - अचलगढ, १२ - जावाइ, १३ - उतरज, १४ - सेंर, और-१५, आखी, इनमें देलवाडा - ओरिया - ओर- अचलगढमें जैनमंदिरबने हुवे है, आबुकाचढाव अदारांमील - चढ़ने का रास्ता साफ, दुतर्फाद्रिख्तों
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com