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तवारिख - तीर्थ - गिरनार.
जोकि - अब - गोघे के नवखंडापार्श्वथजी के मंदिरमेंजायेनशीन है, हमने इसतीर्थ की जियारत दो दफे कि इहुइ औरतमा मजगह बखूबी देखी भाली है
गोधावंदर सेंफिरवापिस - भावनगर - आना, और रैलमेंसवारहो करधोलाजंकशनजाना. अगरफुरसतहोतो - यहांउतरकर (६) कोशखुश्कीरास्ते वल्लभीनगरीजोकि -- पुरानीनगरी है जाना, - तीर्थंकर महावीरस्वामी के निर्वाणहुवेबाद ( ९८० ) वर्षपीछे - दुपमांधकारतरणि- जैनाचार्य - देवर्द्धिगणिक्षमाश्रमण महाराजने यहां ताडपत्रोंपर जैन आगमलिखेथे, जैन श्वेतांमवरमंदिर- और - देवद्विगणिक्षमाश्रमण महाराजकी मूर्ति - यहां पर - जायेनशीन है. दर्शनकरके वापिसधोलाजंकशन आना, औरधोलासे - जालिया - धसा - लाठी- चीतल - लुनीघर - कुंकावाव - खाखरीया - वावडी - जेतपर - जेतलसरजंकशन - और वाडल होते हुवे - जुनागढजाना. रैलकिराया ९-१२-० पोनेदोरूपये.
तवारिख तीर्थ - गिरनार, )
( करिब शहर जूनागढ - जिले काठियावाड. )
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जिले काठियावाड - मुल्क-सौराष्ट्रमें- जुनागढ एक अजनवी - और नाया शहर है, अमलदारीनवाब साहबकी - टेशन सेशहर बहुतकरीबऔर जाने आनेकेलिये सवारीइका - बगी - हरवख्त मिलती है, खास ! दरवजेकेनजदीक एकमुसाफिरखाना बना हुवा है, मगरजैन श्वेतांवर यात्री को शहर में हीजानामुफीद है, - बाजारवडेलंबे - और - ग्रीनचौकवडी गुलजारजगह है, जिसचीजकी दरकार होयहां मिल सकती है, राजमहेल बडे उमदा - रंगबेरंगेचित्र - मेहराबें-- झाडफनुस - तस्वीरे - बडेबडे आइने औरसोना चांदी की कुशियें - इसमें रखी हुई है, बाजारमोहब्बत-सर्किल में - हर किस्म की चीजें - यहां भी मिलती है, -
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