SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 198
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ८० ) तवारिख - तीर्थ - गिरनार. जोकि - अब - गोघे के नवखंडापार्श्वथजी के मंदिरमेंजायेनशीन है, हमने इसतीर्थ की जियारत दो दफे कि इहुइ औरतमा मजगह बखूबी देखी भाली है गोधावंदर सेंफिरवापिस - भावनगर - आना, और रैलमेंसवारहो करधोलाजंकशनजाना. अगरफुरसतहोतो - यहांउतरकर (६) कोशखुश्कीरास्ते वल्लभीनगरीजोकि -- पुरानीनगरी है जाना, - तीर्थंकर महावीरस्वामी के निर्वाणहुवेबाद ( ९८० ) वर्षपीछे - दुपमांधकारतरणि- जैनाचार्य - देवर्द्धिगणिक्षमाश्रमण महाराजने यहां ताडपत्रोंपर जैन आगमलिखेथे, जैन श्वेतांमवरमंदिर- और - देवद्विगणिक्षमाश्रमण महाराजकी मूर्ति - यहां पर - जायेनशीन है. दर्शनकरके वापिसधोलाजंकशन आना, औरधोलासे - जालिया - धसा - लाठी- चीतल - लुनीघर - कुंकावाव - खाखरीया - वावडी - जेतपर - जेतलसरजंकशन - और वाडल होते हुवे - जुनागढजाना. रैलकिराया ९-१२-० पोनेदोरूपये. तवारिख तीर्थ - गिरनार, ) ( करिब शहर जूनागढ - जिले काठियावाड. ) A जिले काठियावाड - मुल्क-सौराष्ट्रमें- जुनागढ एक अजनवी - और नाया शहर है, अमलदारीनवाब साहबकी - टेशन सेशहर बहुतकरीबऔर जाने आनेकेलिये सवारीइका - बगी - हरवख्त मिलती है, खास ! दरवजेकेनजदीक एकमुसाफिरखाना बना हुवा है, मगरजैन श्वेतांवर यात्री को शहर में हीजानामुफीद है, - बाजारवडेलंबे - और - ग्रीनचौकवडी गुलजारजगह है, जिसचीजकी दरकार होयहां मिल सकती है, राजमहेल बडे उमदा - रंगबेरंगेचित्र - मेहराबें-- झाडफनुस - तस्वीरे - बडेबडे आइने औरसोना चांदी की कुशियें - इसमें रखी हुई है, बाजारमोहब्बत-सर्किल में - हर किस्म की चीजें - यहां भी मिलती है, - Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy