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हिन्दू-लॉ
morror.ammhrrrrrrrrrrrrrrrrrrr विषय
पेज । विषय -चाइल्ड मेरेज रिस्ट्रेन्ड एक्ट सन १९२८ ई. -जन्म स्थानका कानून माना जायगा -नं० ४५ सन १८६० ताजीरात हिन्द । -अदालतका अनुमान
88188 -गवर्नमेन्ट आफ इन्डिया एक्ट सन १९१५ १२ -मूल निवास स्थान के नियम ले जानेका -नं. १५ सन १८८२
अधिकारका प्राप्त होना -नं० १२ सन 1८८७
| -पुरोहित के कार्यसे, कानूनके बदलावका प्रमाण ४६ रेगुलेशन नं. ४ सन १८२७
| कानूनी ज़रूरते -नं. ३ सन १८७३
-खानदानी कौन जरूरतों के लिये जायदाद -नं. ४ सन १८७२
१२ बेची जासकती है ३६१ से ३६३ नं. १२ सन १८७८
-औरतोंकी कानूनी ज़रूरतें
८५७ -नं. १८ सन १८७६
१२ -'आवश्यकता' शब्द का अर्थ ८५. -नं. ३ सन १८७७ रेगुलेशन
१२ -तीर्थ यात्रा, दान, आदि -नं. २. सन १८७५
-कर्जा अदा करना
८५९ -नं. १३ सन १८९८
-सरकारी मालगुजारी -नं०५सन १९०८ जाबता दीवानी
-ज़रूरी मुक़द्दमोंका खर्च -कानून शहादत
-मरम्मत आदिके खर्च
८६१ -सेलेक्ट कमेटीका पास किया हुआ विळ
-भरण-पोषणका खर्च नं. २. सन १९३७ ई. १९१।२४ -बेटी के विवाहका खर्च
८६२ -नायक गर्ल्स प्रोटेक्शन एक्ट नं. २
-व्याहके समय बेटीको दान
८६३ ___सन १९२९ ई. ४२७ से ४३. -पतिके भाई की लड़की की लड़की का ब्याह ८६३ -हिन्दू उत्तराधिकार संशोधक एक्ट नं. २
-अधिकार कहां तक काममें लाया जायगा ८६४ सन १९२९ ई.
.८०७ कानून-देखो एक्ट -दि हिन्दू इनहोरेटेन्स रिमूवल् आव डिस्- कुल्लूकभट्ट
एनिलिटी एक्ट नं० १२ सन १९२८ ८१ कुलदेवता-देखो धर्मादा इन्डियन सेकशेसन एक्ट नं. ३९ कोपार्सनरी-देखो पुश्तरका खानदान सन १९२५ई.
कोपार्सनर-देखो मुश्तरका खानदान क्रजें
खरीदार -सीके लिये हुए कर्ज जिनकी पानन्दी पति परहै ११० -सीमावद वारिससे जायदाद खरीदने में -जो जायदाद पर न लिये गये हों ८७॥ -रेहन रखने आदिमें
८५४ कब्ज़ा मुखालिफाना
-भरण पोषणके बोझ वाली जायदादका ८५८ -मुस्तरका खानदानमें नहीं होता ४३७ ख़ानदानी कानूनी जरूरते-देखो -स्त्रीधनके बन जानेमें
___कानूनी जरूरतें कानून साथ जाता है
| गर्भक बालकके हक एक जगहसे दूसरी जगह पर जा बसनेमें -मांके गर्भ में जर लड़का हो और बाप जाय
कौन कानून माना जायगा २५ .दाद वेंचदे तब वह रद्द करा सकता है ३६४
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