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म १५. स्त्री-मूलदेव और पुण्डरीक नाम के दो मित्र थे। एक दिन वे कहीं जा रहे थे। उसी
मार्ग से एक अन्य पुरुष भी अपनी पत्नी के साथ जा रहा था। पुण्डरीक उस स्त्री को देख उस
पर मोहित हो गया। उसने मूलदेव से कहा-“मित्र ! यदि यह स्त्री मुझे नहीं मिली तो मैं जीवित ॐ नहीं रहूँगा।' यह सुन मूलदेव चिन्तित हो गया। मित्र का जीवन बचाने हेतु एक अन्य पगडंडी से है
निकलकर मुख्य मार्ग पर उस दम्पति से आगे जा पहुंचा। वहाँ एक घनी झाड़ी में पुण्डरीक को :
बिठा दिया और स्वयं उस दम्पति के पास पहुंचा। उसने विनम्र स्वर में उन्हें कहा-"भाई ! मेरी ॐ स्त्री को इस समीप की झाड़ी में प्रसव हुआ है। आप कुछ समय को अपनी पत्नी को झाड़ी में है
भेज दें तो बहुत उपकार होगा।" पुरुष ने मूलदेव की बात को सच समझा और अपनी पत्नी को उधर भेज दिया। स्त्री चतुर थी। वह झाडी की ओर गई और शीघ्र ही लौट आई। उसने हँसते ,
हुए मूलदेव से कहा-"आपको बधाई है। बहुत सुन्दर बच्चा पैदा हुआ है।" और पति-पत्नी आगे +बढ़ गए। इस कटाक्ष से पुण्डरीक बहुत शर्मिन्दा हुआ। मूलदेव उसे साथ ले चला गया। 4i 15. The Woman—There were two friends named Mooldev and 4 5 Pundareek. One day they were going somewhere. On the same path a
man was also walking with his wife. When Pundareek saw this:
woman, he got infatuated with her beauty. He said to MooldevFE "Friend, if I do not get this woman I will die.” This made Mooldevi LF worried. In order to save his friend"s life he took a detour and went a 45 long distance ahead of the couple on the same path. There he made i 9 Pundareek sit behind a thick bush. He himself now approached the si 5 advancing couple and pleaded humbly—“Brother, my wife is about to
deliver a child. If you could send your wife for some time behind that bush I will be much obliged." The man believed Mooldev and sent his
wife. The woman was clever. She went behind the bush and returned 卐 soon. With a smile she said to Mooldev in a loud voice-5 $1 “Congratulations ! You have got a beautiful son.” And the couple went 41
ahead. Pundareek was filled with shame at this biting taunt. Mooldev took him along and procuded ahead.
१६. पति-एक गाँव में दो भाई रहते थे। उन दोनों के एक ही पत्नी थी। वह बड़ी चतुर थी, . कभी यह प्रगट नहीं होने देती थी कि दोनों पतियों में से किस पर उसका अनुराग अधिक है। 卐 इस बात को लेकर गाँव वाले उसकी प्रशंसा करते थे। धीरे-धीरे यह बात राजा के कानों तक
भी पहुंची। वे भी प्रभावित हुए किन्तु उनके मन्त्री ने कहा-"महाराज ! यह असंभव है। उस स्त्री का एक पति के प्रति अनुराग अवश्य ही अधिक होगा।" राजा ने कहा-"इसका पता कैसे
लगे?'' मन्त्री ने कहा-"मैं शीघ्र ही कोई उपाय करता हूँ।' + एक दिन मन्त्री ने उस स्त्री को एक आदेश भेजा कि वह अपने एक पति को पूर्व दिशा के एक ॐ ग्राम विशेष में भेजे और दूसरे को पश्चिम दिशा के अमुक गाँव में। यह आदेश पाकर स्त्री ने जिस
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है मतिज्ञान (औत्पत्तिकी बुद्धि) $%% % %% %% %
( २०३ ) %% %%%
Mati-jnana (Autpattiki Buddhi) 5 %%% % %牙%% %% % %
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