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धारणा
DHARANA ६० : से किं तं धारणा?
धारणा छव्विहा पण्णता, तं जहा- (१) सोइंदिय-धारणा, (२) चक्खिंदियाधारणा, (३) घाणिंदिय-धारणा, (४) जिब्भिंदिय-धारणा, (५) फासिंदिय-धारणा, 卐 (६) नोइंदिय-धारणा।
तीसे णं इमे एगट्ठिया नाणाघोसा, नाणावंजणा, पंच नामधिज्जा भवंति, तं जहा(१) धारणा, (२) साधारणा, (३) ठवणा, (४) पइट्ठा, (५) कोठे।
से तं धारणा। अर्थ-प्रश्न-यह धारणा कितने प्रकार की कही है ?
उत्तर-धारणा छह प्रकार की कही हैं। यथा-(१) श्रोत्रेन्द्रिय धारणा, (२) चक्षुरिन्द्रिय धारणा, (३) घ्राणेन्द्रिय धारणा, (४) रसनेन्द्रिय धारणा, (५) स्पर्शनेन्द्रिय धारणा तथा (६) नोइन्द्रिय धारणा।
इसके एक अर्थ वाले, अनेक घोष वाले तथा अनेक व्यंजन वाले पाँच नाम हैं। यथा
(१) धारणा, (२) साधारणा, (३) स्थापना, (४) प्रतिष्ठा, और (५) कोष्ठ। यह धारणा का स्वरूप बताया है।
60. Question-What is this dharana? Answer-Dharana is said to be of six types—
1) Shrotrendriya dharana, 2) Chaksurindriya dharana, LE 3) Ghranendriya dharana, 4) Jihvendriya dharana, 5) Sparshanendriya dharana, 6) No-indriya dharana.
It has five names having one meaning, many inflections, and 5 many consonants—1) Dharana, 2) Sadharana, 3) Sthapana, s ॐ 4) Pratishtha, and 5) Koshth..
This concludes the description of dharana. विवेचन-धारणा के भी अर्थावग्रह के समान इन्द्रियों पर आधारित छह भेद हैं। इसके पर्यायान्तर से पाँच नाम इस प्रकार हैं
(१) धारणा-कम से कम अन्तर्मुहूर्त और अधिक से अधिक असंख्यात काल बीत जाने पर भी योग्य निमित्त मिलने पर जो स्मृति जाग उठे, उसे धारणा कहते हैं। श्री नन्दीसूत्र
( ३१८ )
Shri Nandisutra
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