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(१) पृथगाकाशपद, (२) केतुभूत, (३) राशिबद्ध, (४) एकगुण, (५) द्विगुण, (६) त्रिगुण, (७) केतुभूत, (८) प्रतिग्रह, (९) संसार प्रतिग्रह, (१०) नन्दावर्त, तथा
(११) उपसंपदावर्त। म यह उपसम्पादन-श्रेणिका परिकर्म का वर्णन है। 5 102. Question-What is this Up-sampadan Shrenika 4 Parikarma?
Answer-Up-sampadan Shrenika Parıkarma is said to be ॐ of eleven types-1. Prithakagash. pad, 2. Ketubhoot, $ 3. Rashibaddha, 4. Ek Guna, 5. Dviguna, 6. Triguna,
7. Ketubhoot, 8. Pratigrah, 9. Samsar Pratigrah, 10. Nandavart, E and 11. Upasampadanavart.
This concludes the description of Up-sampadan Shrenika ॐ Parikarma.
विवेचन-उपसम्पादन का अर्थ है ग्रहण करना अथवा अंगीकार करना। अर्थानुसार यह है ॐ अनुमान किया जा सकता है कि इसमें अंगीकार करने की क्रिया तथा अंगीकार करने योग्य
वस्तुओं व विषयों का वर्णन होगा। इसी संदर्भ में ग्राहकताओं, ग्राह्य की क्षमताओं तथा अनुपात
आदि का विस्तार भी होना चाहिए। जैसे संजमं उवसंपज्जामि-संयक को ग्रहण करता हूँ। साधना 3 में उपादेय तत्त्वों का वर्णन इसमें हो सकता है। __Elaboration-Up-sampadan means to receive or to accept. For
example-sanjamam uvasampajjami or "I accept discipline.” On the si y basis of the title it can be deduced that this section must be dealing 55 with the act of accepting as well as the things and subjects worth $ accepting. In this context their must also be a detailed discussion
about the capacities and proportions of the subjects and objects. It may also contain details about the things helpful in spiritual practices.
(६) विप्रजहत्-श्रेणिका परिकर्म
(6) VIPRAJAHAT SHRENIKA PARIKARMA १0३ : से किं तं विप्पजहणसेणिआपरिकम्मे ?
विप्पजहणसेणिआपरिकम्मे एक्कारसविहे पन्नत्ते, तं जहा-(१) पाढोआगासपयाई, ॐ (२) केउभूअं, (३) रासिबद्धं, (४) एगगुणं, (५) दुगुणं, (६) तिगुणं, (७) केउभूअं,
455 5 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听
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卐 श्री नन्दीसूत्र
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