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दुष्कृत्यों के पाप को धोने का संकल्प लिए वह नाग पन्द्रह दिन तक सभी कुछ समभाव से सहन
करता रहा, जब तक उसका शरीर छलनी नहीं हो गया और प्राणान्त नहीं हो गया। चण्डकौशिक म का पुनर्जन्म सहनार नामक देवलोक में हुआ। पारिणामिकी बुद्धि के बल से नाग ने अपना जन्मनी
सुधार लिया।
(२०) गैंडा-एक व्यक्ति ने मुनियों का धर्मोपदेश सुनकर अपनी युवावस्था में श्रावक व्रत धारण किए किन्तु उनका ठीक से पालन नहीं कर सका। कुछ समय बाद वह रोगग्रस्त हो गया और अपने भंग किए व्रतों की आलोचना करने से पहले ही मर गया। धर्म से पतित होने के फलस्वरूपक अगले जन्म में एक जंगल में वह गैंडे के रूप में उत्पन्न हुआ। क्रूर स्वभाव के कारण वह जंगल के अन्य जीवों को मारता और यदि कोई मनुष्य उधर आता तो उसे भी मार डालता था।
एक बार कुछ मुनि उस जंगल से जा रहे थे। गैंडे ने ज्यों ही उन्हें देखा क्रोध से ग्रस्त होती मारने दौड़ा। मुनियों के तपोतेज तथा अहिंसक वृत्ति के प्रभाव से गैंडा उन तक नहीं पहुंच पाया। अपने उद्देश्य में असफल होने से वह विचार में पड़ गया और अपने शक्तिहीन हो जाने का कारण खोजने लगा। धीरे-धीरे उसका क्रोध शान्त हो गया। ज्ञानावरणीय कर्मों के क्षयोपशम के परिणाम स्वरूप उसे जातिस्मरण ज्ञान उत्पन्न हुआ। अपने पूर्वभव को जानकर उसे बहुत ग्लानिक हुई। पश्चात्ताप हुआ। उसने उसी समय अनशन कर लिया और शुभ विचारों में लीन हो गया।
आयुष्य पूरी होने पर उसने देवलोक में जन्म लिया। ___पारिणामिकी बुद्धि के कारण गैंडे ने अपना बिगड़ा हुआ जीवन सुधार लिया।
16. Charanahat (The kicked one)—In a city ruled a young king 55 Considering him to be immature, some young individuals came to him and in order to gain favours, advised him—"Sire, you are young, therefore you should appoint only young men to direct the affairs off the state. Being energetic and able, such persons will successfully handle the administration.” The elderly persons can hardly do any i thing efficiently and properly due to their physical weakness."
Although the king was young, he was very intelligent. In order to test the wisdom of these young people he put before them as question-"How should I punish someone who kicks at my head with his feet?"
The young people were ready with a reply—“He should be cut toi pieces.”
Now the king put the same question before his elderly and fi experienced ministers, they pondered over the question and replied"Sire, you should shower your affection and gifts on him." मतिज्ञान ( पारिणामिकी बुद्धि)
Mati-jnana (Parinamiki Buddhi 545555555555
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