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"महाराज ! राजा कृणिक ने हमारी नगरी को घेर लिया है। इस संकट से उबरने का कोई उपाय + बताइए।" कूलबालक ने अपने विद्याबल से पहले ही जान लिया था कि नगरी में जो स्तूप बना है
हुआ है उसके प्रभाव से परकोटा अभेद्य बना रहता है। स्तूप धराशायी हो जाने पर परकोटा म आसानी से भेदा जा सकेगा। अतः उसने छलपूर्वक नगरवासियों से कहा-“बन्धुओ ! तुम्हारी
नगरी में उस स्थान पर जो स्तूप विद्यमान है वही इस संकट का मूल है। वह स्तूप जब तक नहीं ज + गिरा दिया जाता तब तक तुम्हें इस संकट से मुक्ति नहीं मिल सकती। इसे गिरा दोगे तो कूणिक ॐ वापस लौट जाएगा।” * सरल प्रकृति नागरिक नैमित्तिक के कपट जाल में फँस गए। उन्होंने स्तूप तोड़ना आरंभ कर ऊ दिया। कार्यारम्भ कर नैमित्तिक किसी बहाने परकोटे पर जा पहुंचा और सफेद वस्त्र हिलाकर के संकेत दिया। कूणिक पूर्व योजनानुसार सेना सहित पीछे हटने लगा। नैमित्तिक ने नगरवासियों के
विश्वास को दृढ़ करने के लिए बताया-“देखो स्तूप तोड़ना आरंभ होने के साथ ही कूणिक की 卐 सेनाएँ पीछे हटने लगी हैं।" नगरवासियों को यह देख नैमित्तिक की बात पर पर्ण विश्वास हो
गया और वे बड़े उत्साह से स्तूप तोड़ने लग गये। कुछ ही समय में स्तूप धराशायी हो गया। स्तूप
के अपने स्थान से हटते ही उसका दिव्य प्रभाव भी समाप्त हो गया। कूणिक तो इसी की राह कफ देख रहा था। उसने तत्काल सेनाएँ आगे बढ़ाईं और परकोटे को तोड़कर विशाला पर अपना
अधिकार कर लिया। वेश्या ने अपनी पारिणामिकी बुद्धि से कूलबालक को भ्रष्ट किया और ॐ कूलबालक ने अपनी पारिणामिकी बुद्धि का दुरुपयोग कर वैशाली का स्तूप-भेदन करवाया।
इस प्रकार अश्रुत निश्रित मतिज्ञान का वर्णन पूर्ण हुआ।
21. Breaking of the dome-Princes Kunik and Vihalla were among the sons of king Shrenik. During his life time king Shrenik had given the Sechanak elephant and Vankchud necklace to Vihalla, and Kunik had become the king of Magadh.
Vihalla used to go every day to the banks of the Ganges with his wives, riding Sechanak elephant. The elephant playfully lifted the queens with its trunk and entertained them. The public praised Vihalla and his queens and commented that it was Vihalla who truly enjoyed the royal wealth.
King Kunik's wife, queen Padmavati, burned with jealousy when she heard all this. She said to her husband—“As long as I do not own 4 41 Sechanak elephant and Vankchud necklace, I am queen only for y
namesake. You should get these for me.” At first Kunik did not pay ! any attention. But with continued nagging from his wife he at last
agreed to get them for her. He asked Vihalla to give the two things. 4 Vihalla replied “If you want to have the two things you will have to
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श्री नन्दीसूत्र
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Shri Nandisutra
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