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विषय-सूची
39] छिहत्तरषों संधि
154-165 सेना का कूच । प्रस्थान का वर्णन । समुद्रतट पर पड़ाव। रावण और विभीषण का संवाद । विभीषण का राम से मिलना। विभीषण की राम से भेट। हनुमान का नन्दन वन में प्रवेश । नन्दनवन का वर्णन । ध्वंस का वर्णन । लंका को जला कर हनुमान की
वापसी। सतहत्तरवीं संषि
166-180 रावण के पक्ष के प्रमुखों द्वारा विद्याओं को सिवि। साधना पर होने वाले उपसर्ग। यक्रवात का वर्णन । विद्याधरों द्वारा राम को विद्याओं का दिया जाना । युद्ध के लिए प्रस्थान । मदगज का वर्णन | रावण की प्रतिक्रिया। रावण की तैयारी। सेना के विभिन्न अंगों की गतिविधियाँ । वीरांगनाओं की प्रतिक्रियाएँ। आमा-सामने लड़ाई।
मायावी युद्ध। महत्तरवौं संधि
181-211 यूख के नगाड़ों का बजाना । वीरांगनाओं द्वारा बिदाई। उनकी प्रतिक्रिया और वीर पतियों से अपेक्षाएँ। राम और रावण की सेनाओं में भिड़न्त । सभटों को प्रतिक्रियाएँ । मारकाट का वर्णन । रावण और विभीषण में वचन-प्रतिवचन । राम और रावण में इन्द्र । लक्ष्मण का चक्र उठाना । आकाश से कुसुम वृष्टि । रावण का वध । मन्दोदरी का विलाप । विभीषण का विलाप । उसके द्वारा इस सारे काण्ड के लिए नारद को दोषी ठहराना। राम का विभीषण को समझाना। रावण का दाह-संस्कार।
शान्ति-कर्म। मन्दोदरी को सांत्वना देना। उम्पासीयों संषि
212-223 पीलगिरि पर आसीन राम और बन की तुलना । राम के आदेश से लक्ष्मण का शिला उठाना । सौनन्द यक्ष का प्रवेश । लक्ष्मण को सौनंदक तलवार भेंट करना । अचक्रवर्ती बनने के लिए राम के साथ लक्ष्मण की दिग्विजय। राम और लक्ष्मण द्वारा मनोहर नामक वन में शिवगुप्त मुनि के दर्शन । मुनि द्वारा तत्त्वोपदेश । पूर्वभव कथन । लक्ष्मण
का निधन । राम द्वारा जिनदीमा लेना। मुक्ति। अस्सी संधि
226-242 नमीश्वर की वन्दना । वत्सदेश का वर्णन । राजा पार्थिव रानी सती। पुत्र सिद्धार्थ । राजा पार्थिव द्वारा जिनमुनि के दर्शन हेतु सपरिवार जाना। तत्वोपदेश । पूष सिद्धार्थ 'को राजगद्दी देकर राजा का जिनदीक्षा ग्रहण करना । सल्नेखना विधि से मरकर अपराजित विमान में अहमेन्द्र होना । मिथिला का राजा विजय । गहिणी वप्रिल । अहमेन्द्र का इक्कीसवें तीर्थंकर नमीश्वर के रूप में वप्रिल के गर्भ में प्रवेश । गर्भ और जन्म-कल्याण | राज्याभिषेक, राम्य, तप-कल्याण । केवलज्ञान और सम्मेदशिखर पर
निर्वाण । मुक्ति प्राप्ति । चक्रवर्ती जयसेन के चरित का वर्णन | परिशिष्ठ
243-258 अंग्रेजी में टिप्पणियाँ और उनका हिन्दी रूपान्तर