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गया है ।
अंगरेजी टिप्पणियों का हिन्दी अनुवाद
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(15) ] रावण और लक्ष्मण दोनों के पीतवसन हैं। हिन्दू पुराणों में कृष्ण को पीताम्बर कहा
(10) 60 वीसपाणि अर्थात् रावण । यद्यपि जैन पुराणों के अनुसार रावण के वो हाथ हैं फिर भी उसे बीस हाथों वाला कहा जाता । यह हिन्दू पुराणों का प्रभाव है ।
(1811 उस वीर योद्धा पर जिसने मधु को मारा। नोट कीजिए, प्रतिवासुदेव वो हैं-मधू और मधुसूदन ।
(20) 14 योद्धाओं के भविष्य के बारे में लिखते हुए जो कि उनके मस्तिष्क पर लिखा हुआ था । 15 जाइवि – यह उसने मांगकर प्राप्त किया है ।
(21) 76 अंगुलियों को तोड़ना किसी पर उसके प्रति अनादर को सूचित करता है। बोटे मोडणेंयह प्रयोग आधुनिक मराठी में मिलता है। 138 मेरे इस पति ने मुझसे उस समय विवाह किया जब मैं बिलकुल छोटी कन्या थी तुलना कीजिए - 'यः कौमारहरः स एव हि वरः ।
(23) 4a आज सरस्वती करेगी, रावण की मृत्यु के कारण ब्राह्मण थे ।
विद्या की देवी, हिंदूपुराणों के
शास्त्रों को याद नहीं करेगी या उनका वाचन नहीं अनुसार रावण पुलस्त्य का पुत्र था। पुलस्त्य ऋषि
वह तो दुर्दैव था जो तुम्हारे ऊपर मौत लाया था। रावण ने नारद की कपटपूर्ण सलाह से ही सीता भी जीर्ण हो गया। लक्ष्मण के हाथों रावण की
( 24 ) 3a वह नारद नहीं था जो आ पहुंचा, (नारद ने रावण को सीता की प्राप्ति के लिए मड़काया ।) के अपहरण का निश्चय किया था। 12 घुन के द्वारा बा मौत उसी तरह असंभव लगती थी जिस प्रकार धुनों से व का काटा जाना ।
(25) 1 तुम्हें दशमुख का स्थान ग्रहण करना चाहिए। 6b-12b इन पंक्तियों में रावण की शवयात्रा का वर्णन है।
( 29 ) 3b राम के सिवा और कौन उदार है ?
उन्यासीर्वी संधि
(2) 11b तलवार का नाम सोनंदक है, क्योंकि वह सोनंदयक्ष का दान है। अपकी वासुदेव के सात रत्नों में से एक तलवार भी है जिसे सौनन्दक कहते हैं ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार गदा को कौमोदकी । जैन पुराणों में बासुदेव और बलदेव के क्रमशः सात और चार चिह्न होते हैं। गुणभद्र के 'उत्तरपुराण' (62148-149) में उनका उल्लेख इस प्रकार है
नसिः शंख धनुश्च वक्तिग्डो गवाभवत् । रत्नानि सप्त चक्रेशे रक्षितानि मतगणैः ॥ रत्नमाला शुलं मास्वानश्व मुशलं गया । महारत्नानि चत्वारि बभूवुर्भाविनिभूतेः ॥