Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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- आस्था की ओर बढ़ते कदम में शामिल थे पर वह अपने स्तर पर प्रयास कर रहे थे। वाद में उन सज्जनों की इच्छा से कुछ और नाम डाल दिए गए। समिति का दायरा विस्तृत हो रहा था। जब हम चले थे मात्र दो थे। परन्तु अव सैंकड़ों कार्यकर्ता जुड़ गए। यह हमारे उत्साह को बढ़ाने के लिए काफी था। प्रथम मीटिंग :
काफी प्रयत्नों व जदो-जहद के वाद समिति की मीटिंग बुलाई गई। इस में पंजाव मंत्री मण्डल के सभी मंत्री जैन समाज के सदस्य शामिल हुए। इसे मुख्यमंत्री ज्ञानी जैल सिंह ने संबोधन किया। इस मीटिंग में श्री नहावीर जैन संघ पंजाव का निर्माण हुआ, जिस में मुझे उप-प्रधान चुना गया। इस संस्था का दफ्तर लुधियाना जैन धर्मशाला में बना। इस मीटिंग के बाद हमें अपनी समिति का कार्य करना था। मैंने संयोजक होने के नाते इस समिति का कार्य हाथ में लिया। हमारा ध्यान पंजावी भाषा में जैन साहित्य का लेखन की ओर अग्रसर हुआ।
इस प्रथम मीटिंग का कोई खास निर्णय नहीं हुआ। पर लुधियाना में हुई मीटिंग में कार्यकारिणी समिति वनाई गई। इस मीटिंग में महावीर डायरी, जिला स्तर पर स्तूप, चौंक व वाजार का निर्माण करने का फैसला किया गया। राज्य स्तर का समागम लुधियाना के दरेसी ग्राउंट में मनाने का निश्चय हुआ। भगवान महावीर का जीवन चरित्र पंजावी में प्रकाशित करने की जिम्मेवारी भाषा विभाग पंजाब को सौंपी गई। पंजावी विश्वविद्यालय में जैन चेयर के निर्माण का फैसला किया गया। भगवान महावीर ने सेवा को परम ६ गर्म कहा है। इस दृष्टि से किसी मैडीकल संस्थान का निर्माण किया गया। हर जिले में एक समारोह, सरकारी स्तर पर मनाने का निश्चय हुआ।
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