Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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- आस्था की ओर बढ़ते कदम जारी हुआ। जैन विश्व कोष का निर्माण इसी वर्ष शुरू हुआ। यह कार्य अव भी जारी है। संसार के हर कोने से हर रोज इस समारोह मनाने का समाचार मिल रहे थे।
भारत में जैन मत के बड़े बड़े स्मारक, वनस्थली, मन्दिरों का निर्माण हो रहा थ। देहली में भारत सरकरा को भगवान महावीर मैमोरियल १३० एकड़ भूमि पर भगवान महावीर वनस्थली का निर्माण हुआ। भारत सरकार प्रभु महावीर के जन्म दिन का अवकाश सारे देश में स्वीकृत करने की घोषणा की गई। इस सारे समारोह में प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने वहुत वडी भूमिका निभाई। विहार में राजगृह में उपाध्याय श्री अमर मुनि जी महाराज ने वीरायतन संस्थान का निर्माण किया। यह केन्द्र सेवा, साधना श्रुतिका प्रमुख केन्द्र है। इस संस्थान के निर्माण में आचार्य साध्वी चन्दना जी का प्रमुख हाथ है। देहली के अन्दर प्राकृत भाषा के प्रचार के लिए प्राकृत भारती की स्थापना की गई इस संस्था के प्रेरक प्रसिद्ध दिगम्बर आचार्य श्री विद्यानंद जी ने की है। आप आचार्य श्री देशभूषण जी महाराज के शिष्य हैं।
- आप की एक शिष्या माता ज्ञान मति ने जैन भूगोल खगोल का प्रतीक जम्बूदीप का निर्माण हस्तिनापुर में किया जो १० साल में सम्पूर्ण हुआ। इसी तरह हर तीर्थ में कुछ नए म्यूज्यिम वनाए गए जहां जैन पुरातत्व को संभाला गया। अपभ्रंश संस्कृत आदि भाषाओं के साहित्य को पुनः प्रकाशित करने के कार्य प्रारम्भ हुए। नए मंदिर बने। जैन तीथों पर नव निर्माण का कार्य प्राम्भ हुआ। धर्मशालाओं का निर्माण हुआ। पुराने तीथों का जीर्णोद्वार किया गया। इन तीथों पर जीव कल्याण पशुशालाएं, वृद्धाश्रम, वालाश्रम, गुरुकुल, त्यागी निवायों की स्थापना हुई।
दिल्ली में ही साध्वी भृगावती जी ने वल्लभ
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