Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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== સ્વાસ્યા છી ગોર તો છળ कल्याणक का २६००वां वर्ष है। इसी वर्ष मैं आस्था की
ओर बढ़ते कदम लिख रहा हूं। यह अहिंसा वर्ष है, जो समस्त विश्व में मनाया जा रहा है। सरकारी व निजी स्तर पर यह पूरे साल चलने वाला आयोजन है। भारत सरकार १०० करोड़ रूपए इन आयोजनों पर खर्च कर रही है। हमारे द्वारा २६वीं महावीर जन्म कल्याणक शताव्दी संयोजिका समिति पंजाव का गठन हो चुका है। अभी राज्य स्तरीय समिति बन चुकी है। हमारी समिति काफी समय से कार्यरत है। इस लिए विभिन्न आयोजन करने का निर्णय लिया है जिसे जन सहयोग से पूरा किया जाएगा।
. इन्हीं आयोजनों से हमारी समिति ने उपप्रवर्तनी श्री स्वर्णकांता जी महाराज की शिष्या सरलात्मा साध्वी श्री सुधा जी की प्रेरणा से हिन्दी भाषा में श्रमण भगवान महावीर का सचित्र परोपकारी जीवन लिखने का निर्णय किया गया। यह जीवन चारित्र विस्तृत शोध पर आधारित है। प्रभु महावीर के जीवन पर प्रकाश डालने वाले, सुन्दर रंगदार चित्र इस ग्रंथ का संपादन साध्वी डा० स्मृति जी महाराज एम.ए. ने किया है। इस ग्रंथ का प्रकाशन आगरा से हुआ है। विभिन्न सम्प्रदायों के आचायों, मुनियों, साध्वीयों, श्रावक व श्राविकाओं ने इस ग्रंथ की मुक्त कंट से प्रशंसा की है। इस ग्रंथ का विशलेषण करना जरूरी है। यह ग्रंथ श्रद्धा व परम्परा को सामने रखें कर लिखा गया है।
सर्व प्रथम इस ग्रंथ के लेखन में प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, साहित्य का प्रयोग किया गया है। दिगम्बर व श्वेताम्बर दोनों जैन परम्परां का ध्यान रखा गया है।
इस ग्रंथ में प्रसिद्ध विद्वानों के आशीवाद हमें प्राप्त हुए, जिसका प्रकाशन किया गया है। शुरू में विस्तृत प्रस्तावना दी गई है। इस प्रस्तावना में भगवान महावीर का
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