Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 473
________________ - आस्था की ओर बढ़ते कदम माउंट आबु की यात्रा तीर्थ दर्शन : भारतवर्ष के प्रमुख पर्यटन स्थलों में माउंट आबू का नाम सारे विश्व में फैला है। उंची पर्वतमालाओं के बीच विकसित इस पर्यटन स्थल का प्राकृतिक रूप धरती पर रवर्ग है। माउंट आबू के लिए आवू रोड़ स्टेशन पर उतरना पड़ता है। यहां से किलोमीटर दूर देलवाड़ा के विश्व प्रसिद्ध जैन मन्दिर हैं। जो व्यक्ति एक वार इन मन्दिरों के दर्शन कर लेता है वह ताज महल को भूलं जाता है। यहां की सूक्ष्म कला अनूटी है। मन्दिर में शिल्प के विभिन्न प्रकार मिलते हैं। इन मन्दिरों को कई दिन देखने पर भी इन वारीकीयों का रहस्य समझना कठिन है। इस मन्दिर ने जैन शिल्प कला को शाश्वत सम्पदा को अपने में संजोकर रखा है। यहां के संगमरमरी मन्दिर एक ओर शिल्पीयों की अनूठी कला को प्रस्तुत करते हैं, वहां यह मन्दिर तीथंकरों की वीतरागता का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। यहां का वातावरण एक हिल स्टेशन की भांति है। इस तीर्थ पर अन्य धमों के स्थल व पर्यटन रथल हैं। हर वर्ष १६ लाख यात्री विश्व के कोने कोने से यहां आते हैं। देलवाडा पांच जैन मन्दिरों का समूह है। यहां दो । मन्दिर अत्यंत विशाल है। शेष तीन मन्दिर, मन्दिर की विशालता के पूरक हैं। शिल्प सौंदर्य की सूक्ष्मता, कोमलता और गुम्बजों तथा मेहरावों का वारीक अलंकरण पहली दृष्टि में पर्यटक के मन पर अमिट छाप छोड़ जाता है। मन्दिर के दर्शन से अध्यात्मि वातावरण प्राप्त होता है। नृत्य और नाट्यकला के उकेरे गए शिल्प चित्र अद्भुत व अनुपम हैं। मन्दिर की छतों पर लटकते, झूलते गुम्बज और मुख मण्डल 173

Loading...

Page Navigation
1 ... 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501