Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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= आस्था की ओर बढ़ते कदम पाटलीपुत्र के खण्डहर भी मिलते हैं । पटना शहर में मारवाड़ी व गुजराती समाज के घर हैं जो यहां लोहे व अन्य धातुओं के व्यापार करते हैं । पटना शहर में गरीवी के दर्शन होते हैं, औरतें साड़ी पहनती हैं । अधिकांश हिन्दू जाति में यादव हैं, दूसरे मुस्लमान हैं, यहां की औरतें गरीवी के शोषण का शिकार भी रहती हैं । विहार में नक्सलवाड़ी लहर व्यापक स्तर पर सावधान रहना पड़ता है विहार के बारे में एक कहावत मशहूर है कि अगर यहां किसी गांव को आग लग जाये, पानी नहीं उठाते, हथियार लेकर भागते हैं । विहार शिक्षा के मामले में पिटड़ा राज्य है । इसी अजन्ता के कारण राजनैतिक दल विभिन्न प्रकार से लोगों को भटकाते हैं, रोजाना कत्ल होते हैं, गांव को आग लगा दी जाती है, सामूहिक बलात्कार की घटनाएं होती हैं । बुद्ध और महावीर की भूमि पर यह कलंकित घटनाएं अन्त शर्मनाक हैं, पर यह लोग बुद्ध और महावीर को भूल चुके हैं । यह लोग आज से २६०० वर्ष पहले के युग में जी रहे हैं, इनकी सोच बहुत ही छोटी है, पर जैनों के कारण इस धरती का कणकण पूज्नीय व वन्दनीय है । यहां हमारे तीथंकरों के कल्याणक हुए हैं । इस क्रम में हम पटना शहर दोपहर तक घूमे । फिर शाम को प्रभु महावीर से संबंधित वैशाली पहुंचे । वैशाली :
मैंने वैशाली का वर्णन किया है । वैशाली प्रभु पहावीर के नाना व श्रावक राजा चेटक की राजधानी थी, वैशाली गणतन्त्र की जिसमें ७७०७ राजा थे, सभी प्रभुता सम्पन्न थे । यह राजा रथ मुशल संग्राम में राजा चेटक की सहायतार्थ आये थे। इसमें काशी, कौशल आदि के १८ राजा प्रमुख थे
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