Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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= વાયા on ગોર વહતે હમ का पहला राज्य है जहां शराववंदी मजबूती से लागू है। यहां अंतराष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र है इस के लोहा व दवाई उद्योग प्रसिद्ध है।
· गुजरात में शिक्षा के साथ साथ अपने संस्कार निंदा हैं। यहां के स्थानीय लोग धार्मिक प्रवृति के हैं। अपने धन का अधिकांश हिस्सा तीर्थ मन्दिरों को समर्पित करते हैं। हर सुवह मन्दिरों में श्रावक श्राविकाएं अर्चना पूजा के लिए इकट्टे होते हैं। इन लोगों पर आधुनिकता व पश्चिम का कोई असर नहीं। आज भी हिन्दी के वाट गुजराती भाषा में जैन धर्म का साहित्य मिलता है। प्राचीन समय में गुजरात के एक सुरक्षित क्षेत्र धः जहां कला व संस्कृति का विकास हुआ। वेताम्बर के हजारें मुनि व साध्वीयों का संबंध गुजरात से
है।
अहमदाबाद की ओर प्रस्थान :
मेरा अहमदावाद का भ्रमण का कारण मुनि श्री जयचन्द्र जी महाराज के दर्शन थे। वह मुनि के दर्शन लम्वे अंतराल के वाद होने थे। पूज्य गुरुवर के अनेक समाचार. प्राप्त हुए पर जाने का कोई कारण नहीं बन रहा था। यह प्रोग्राम में मेरे साथ मेरे बच्चे, मेरी वहिन उर्मिला व उनके बच्चे भी थे। मेरी बहिन जैन धर्म के प्रति पूर्ण श्रद्धावान है। हमें गुरूधारणा सपरिवार इन्हीं मुनि राज की कृपा से हुई थी। यह हमें जैन धर्म के संस्कार प्रदान करने वाले महात्मा थे। दरअसल इन मुनियों के साथ हमारे धर्मिक रिश्ता तो था साथ में यह मुनि रान हमारे परिवार के दिशा निर्देशक भी रहे हैं।
सर्व प्रधन में सपरिवार गोविन्दगढ़ से अम्वाला टावनी पहुंचा। फिर मैने वहां से सर्वोदय एक्सप्रेस पकड़ी।
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