Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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= વાણ્યા ગોર વહ ભ . संयोजिका समिति, पुराना बस स्टैंड,
. मालेरकोटला - १४८ ०२३ पंजाव । : दोनों पते पत्र व्यवहार के लिए रखे गए। ग्रंथ का प्रकाशन दिवाकर प्रकाशन आगरा से श्री श्री चन्द सुराणा के निर्देशन में प्रकाशित करने का निश्चय किया गया।
अभिनंदन ग्रंथ की तैयारीयां होना
अभिनंदन ग्रंथ के बारे में हमें साध्वी श्री सुधा जी महाराज का आदेश प्राप्त हो चुका था। अब इस आदेश को क्रियान्वित करने की जिम्मेवारी हम दोनों की थी। हम दोनों इस ग्रंथ के मुख्य सम्पादक थे। प्रकाशक भी थे। हर प्रकार के प्रकाशन की व्यवस्था की जिम्मेंवारी हम दोनों पर थी। हमें इस कार्य के करने में प्रसन्नता अनुभव हो रही थी। हमें इस कार्य में श्रमण संघ के तृतीय आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी महाराज व चतुर्य आचार्य श्री शिव मुनि जी महाराज का आशीवाद प्राप्त था। उत्तर भारत प्रवर्तक भण्डारी श्री पद्य चन्द्र जी महाराज की कृपा हमें हर समय प्राप्त हो रही थी।
- हम ने साध्वी श्री सुधा जी महाराज की प्रेरणा से महासाध्वी श्री स्वर्णकांता जी महाराज का परिचय तैयार किया। इस में अभिनंदन ग्रंथ में प्रतिपादित विषयों का उल्लेख भी किया गया था। जिस पर आधारित लेखों का संकलन करना था। मुख्य संपादक होने के नाते यह काम काफी कटिन था। इस ग्रंथ के प्रकाशन में दोनो साध्वीयों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। समस्त साध्वी परिवार को साध्वी श्री स्वर्णकांता जी महाराज के बारे में सस्मरण लिखने की प्रार्थना की गई। इस के अतिरिक्त समस्त विद्वानों को एक परिपत्र लिखने का हम ने मन बनाया। यह कार्य के लिए श्री
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