Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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- आस्था की ओर बढ़ते कदम गया। हमारे गले में यूनेस्को का गोल्ड मैडल डाला गया। यह सम्मान हमारा नहीं था, यह सम्मान हमारी साहित्य प्रेरिका साध्वी स्वर्णकांता जी महाराज व साध्वी श्री सुधा जी महाराज का था। जिन की प्रेरणा से पंजाबी जैन साहित्य का नया आयाम खुला। कुछ हिन्दी पुस्तकें तैयार करने का सौभाग्य मिला, जिनका परिचय मैं पुस्तकों के परिचय में दे चुका हूं।
. हमारे सम्मान के बाद मंच की ओर से हमारे लिखित ग्रंथ सचित्र भगवान महावीर का गुणगान किया गया। हमारे द्वारा मंच पर मुख्य अतिथियों को यह ग्रंथ भेंट किए गए। इस प्रकार उस दिन जहां हमारा सम्मान हुआ वहां हमें प्रभु महावीर के जीवन चारित्र को प्रथम बार भेंट करने का सौभाग्य मिला। यह समारोह ३ बजे तक चला। फिर खाना खाकर वापस आने का मन बनाया। पर मैं देहली में आचार्य श्री सुशील कुमार जैन आश्रम डिफैंस कालोनी में विराजित आचार्य डा० साधना जी महाराज के दर्शन करना चाहता था। साध्वी साधना जैन जगत की प्रथम पी.एच.डी. साध्वी हैं। अभी अभी उन्होने अपने गुरूदेव आचार्य श्री सुशील कुमार जी महाराज पर डी. लिट. भी की है। आचार्य श्री के देवलोक के बाद उन्होंने आचार्य श्री सुशील कुमार जी नहाराज को अपने कार्य द्वारा अमर बनाया है। उन्होंने दिल्ली में एक गोसदन, चौंक व मार्ग का नामकरण आचार्य श्री सुशील मुनि जी महाराज के नाम से किया। डिफैंस कालोनी में स्थापित अहिंसा साधना मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है। इस आश्रम में २४ तीर्थंकरों को समर्पित भगवान ऋषभदेव का मंदिर, आचार्य सुशील मुनि को समर्पित संग्रहालय व समाधि का निर्माण कर रहीं हैं। प्रतिमाओं का निर्माण चल रहा है। आचार्य श्री सुशील कुमार जी महाराज के भारत
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