Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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== स्था की ओर बढ़ते कदम
प्रकरण - ८ मेरा अन्य संस्थाओं से संबंध
मनुष्य एक समाजिक प्राणी है। वह समाज से कुछ प्राप्त करता है। समाज को कुछ देता है। इसी संदर्भ में जहां मैंने पिछले प्रकरण में अपने द्वारा स्थापित संस्थाओं का उल्लेख किया है। अब इस प्रकरण में मैं उन संस्थाओं का वर्णन करूंगा, जिनसे मेरा संबंध रहा है। जिन संस्थाओं ने मुझे अपनी संस्थाओं में स्थान देकर सेवा का सुअवसर प्रदान किया है। इन संस्थाओं में सर्वाधिक संस्थाएं विश्वधर्म सम्मेलन संस्थापक, प्रसिद्ध अंतराष्ट्रीय जैन आचार्य श्री सुशील कुमार जी महाराज की संस्थाएं है। इन में कुछ संस्थाओं का वर्णन इस प्रकार है : विश्वधर्म संगम :
आचार्य श्री सुशील कुमार जी इस के संस्थापक थे। इस संस्था का उद्देश्य संसार के सभी धर्मों को एक मंच पर लाना था। इस कार्य में आचा- श्री के विश्वभर के धार्मिक, समाजिक व राजनैतिक नेता का महत्त्वपूर्ण सहयोग प्राप्त होता रहा। इन में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डा० राजेन्द्र प्रसाद जी, डा० राधाकृष्ण व धान मंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू व इंदिरा गांधी के नाम उल्लेखनीय हैं। इस संस्था की सारे विश्व में शाखाएं हैं। मैं इस संस्था का डैलीगेट सदस्य हूं। इंटरनैशनल जैन कान्फ्रेंस :
जैनाचार्य श्री सुशील कुमार जी महाराज द्वारा स्थापित इस संस्था का उद्देश्य संसार भर के जैनों को एक मंच पर लाना है। आचार्य श्री ने अपने जीवन काल में इस
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