Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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आस्था की ओर बढ़ते कदम
उनकी कृपा व आर्शीवाद से मेरे धर्म भ्राता रविन्द्र जैन ने इस ग्रंथ का पंजावी अनुवाद मात्र दो मास ने कर डाला । इसका सुन्दर् आवरण वनाया गया। इस महत्वपूर्ण ग्रंथ का मैने आर्शीवचन लिखा । इस पुस्तक के प्रेरक भण्डारी प्रवर्तक श्री पद्म चन्द जी महाराज व उपप्रवर्तनी साध्वी श्री स्वर्णकांता जी महाराज महाराज वने । उनकी कृपा व आर्शीवाद से भगवान महावीर चारित्र की दो हजार प्रतियां प्रकाशित हुई । हमारी समिति इस की प्रकाशक संस्था थी । उपाध्याय श्री अमर मुनि जी महाराज ने आर्शीवाद दिया। इस पुस्तक के माध्यम से हमारे उनसे संबंध प्रगाढ़ हुए । उन्होंने इस पुस्तक के प्रकाशन की आज्ञा देकर हमारी समिति पर उपकार किया। इस पुस्तक से हमारी पंजावी लेखक, संस्था, साहित्यकार के रूप में पहचान वनी । २५वीं महावीर निर्वाण शताब्दी पर पंजाब सरकार ने वह कार्य भाषा विभाग को सौंपा गया था पर वह कार्य समय पर संम्पन नहीं हो सका। इसी कार्य को मेरे धर्म आता रविन्द्र जैन ने चमत्कारी ढंग से सम्पन्न किया । इसका प्रकाशन श्री आत्म जैन प्रिंटिंग प्रैस लुधियाना से हुआ।
इस ग्रंथ का विमोचन मानसा में एक भव्य समारोह में डी. सी. महोदय ने किया। इस अवसर पर डी. सी. साहिव ने भगवान महावीर पार्क का उद्घाटन किया । यह पुस्तक देश विदेश के विद्वानों व लाईब्रेरीयों में पहुंची। इस की समीक्षा दिल्ली की एक पंजादी पत्रिका में प्रकाशित हुई जिसे प्रसिद्ध कवि स. गुरूदेव सिंह मान ने लिखा । इसका अंग्रेजी अनुवाद भण्डारी श्री पदम चन्द जी महाराज ने प्रकाशित करवाया ।
यह पुस्तक मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत बनी। मैंने सोचा अब अच्छे जैन साहित्य को पंजाबी में अनुवादित
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