Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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- आस्था की ओर बढ़ते कदम स्वतन्त्र पंजाबी साहित्य
अनुवाद के अतिरिक्त हम दोनों पंजावी भाषा में। जैन धर्म का ज्ञान देने वाले स्वतन्त्र ग्रंथों का निर्माण में किया है। जो हमारी मौलिक रचनाएं हैं। यह कार्य भी हमारे द्वारा अनुवादित साहित्य के साथ-साथ चलता रहा है। इस संदर्भ में पंजावी प्रकाशनों की एक सूची हम दे रहे हैं, जे. हमारे द्वारा रचित है। इन रचनाओं का विवरण इस प्रकार
जैन संस्कृति और साहित्य की रूप रेखा १ :
इस लघु कथा पुस्तिका में जैन धर्म की प्राचीनतः का दिक् दर्शन कराया गया है। श्रमण ८ ब्राह्मण संस्कृति के वीच भेद रेखा खींची है। इस पुस्तक का आधार वेद, पुरापः, महाभारत, वौद्ध ग्रंथों को बनाया गया है। यह शोध पुस्तिक है। इस का विमोचन विश्व पंजावी लेखक सम्मेलन दिल्ली के अवसर पर हुआ। वहीं इस पुस्तक क. वितरण भी किय, गया। जैन साहित्य की रूप रेखा २ :
इस लघु काया ग्रंथ में १४ पुों, ४५ आगमों की परम्परा, नाम व श्लोक संख्या व विषयों का वर्णन है। इस में जैन दिगम्बर साहित्य का परिचय भी दिया गया है। इसके साथ-साथ जैन आगमों की वाचना का इतिहास व पूर्वो का परम्परा के क्षय होने का वर्णन किया गया है। इस का विमोचन विश्व लेखक सम्मेलन के अवसर पर दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्पन्न हुआ। भगवान महावीर दे चोनवें उपदेश ३. :
इस पुस्तिका में जैन शास्त्रों से प्रभु महावीर के जीवन उपयोगी संदेश को संग्रह किया गया है। यह उपदेश
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