Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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- ગાસ્યા on aોર વહ હમ भगवान महावीर के जन्म से पूर्व की स्थितियों, उनके जन्म टिन पर देव आगम, वचपन, दीक्षा, तपस्या, धर्म प्रचार का संक्षिप्त वर्णन है। यह ग्रंथ इतना प्रसिद्ध हुआ कि शीघ्र ही इस का द्वितीय प्रकाशन हुआ। जो गुरूणी श्री स्वर्णकांता जी महाराज के सुश्रावक श्री सुशील कुमार जी जैन प्रधान एस. एस. जैन सभा करोल वाग, दिल्ली वालों ने अपनी माता जी की पुनः स्मृति में प्रकाशित करवाया। इस में से भगवान महावीर के जीवन से संबंधित चित्र भी प्रकाशित किए गए हैं। पहले एडीशन में चित्र कम थे। इस एडीशन में भगवान महावीर के जीवन चारित्र में प्रैस की गल्तीयों को दूर किया गया। यह सारा कार्य ६ दिसंबर १९६२ के बाद राम जन्म वावरी मस्जिद भूमि विवाद के समय प्रकाशित हुआ। इसकी जिम्मेवारी पहले की तरह मेरे धर्म भ्राता रविन्द्र जैन ने निभाई। यह ग्रंथ हमारी ऐसी रचना थी जिसे हम परिचय पत्र कह सकते हैं। यह पुस्तक जैन संस्थाओं में बांटी गई। यह पुस्तक पंजावी विश्वविद्यालय पटियाला के दी.ए. प्रथम (धर्म) में सुझाव पुस्तिका के रूप में मान्य है। भारती साहित्य विच भगवान महावीर ६ :
भारती साहिर की जब हम चर्चा करते हैं तो हमारा ध्यान जैन, वौद्ध, वैदिक साहित्य पर जाता है। प्रस्तुत निबंध में वैदिक परम्परा में भगवान ऋषभ देव का वर्णन वेद, पुराण, उपनिषद आदि ग्रंथों के आधार में किया गया है। वैदिक ग्रंथों में प्रभु महावीर का वर्णन ना आने के कारण वताए गए हैं। इस के विपरीत वौद्ध परम्परा में प्रभु महावीर से संबंधित घटनाओं का वर्णन ५४ से ज्यादा वार आया है। वौद्ध परम्परा भगवान पार्श्वनाथ की चतुर्याम परम्परा का समर्थन करती है। इस के वाद जैन परम्परा में आगम व स्वतन्त्र साहित्य दिगम्वर व श्वेताम्वर परम्परा से मिलता है।
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