Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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- आस्था की ओर बढ़ते कदम संस्थाओं की सेवा करने का अवसर मिला। इन संस्थाओं की स्थापना कर व इन से जुड कर भी मेरी आस्था को वहुत वल मिला। मुझे अपने धर्म को फैलाने के लिए सुन्दर मंच मिला। संस्था के माध्यम से अपनी बात पहुंचाई जा सकती है। जो हम जन साधारण को कहना चाहते हैं वह अपनी इच्छा व शक्ति अनुसार कह सकते हैं। यह संस्था हमें नई पहचान देती है। इन के माध्यम से अपने किए कायों को प्रकट करने का अवसर मिलता है। जैन धर्म के बारे में जो जन साधारण में शंका पाई जाती है उन्हें दूर करने की कोशिश भी हो जाती है। कुल मिला कर यह संस्थाएं हमारे कार्य को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुई है।