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[ ३४ ] क्रम सं०
पृष्ठ सं०] क्रम सं० २० भद्रशाल की वेदी पर्यंत देशों, वक्षारों ११ कुलकरों का उत्पत्ति समय, प्रथम दो एवं विभंगा नदियों का अवस्थान २५५ | कुलकरों का वर्णन
२७३ २१ वनों, वेदियों, वक्षार पर्वतों और देशों ( १२ क्षेमंकर आदि तीन कुलकरों का वर्णन २७४ का पायाम
२५६ | १३ सोमंघर आदि चार कुलकों का स्वरूप २२ विभंगा नदियों का मायाम
२५७ वर्णन २३ विदेहस्थ रक्तादि ६४ नदियोंका आयाम २५७ | १४ अभिचंद्र और चंद्राभ कुलकरों का वर्णन २७८ २४ विदेह का विस्तृत वर्णन
२५८ | १५ मरुदेव, प्रसेनजित और नाभिराय कुल२५ जम्बूद्वीपस्थ समस्त पर्वतोंको एकत्र संख्या २६२ | करों का वर्णन
२८० २६ अवशेष द्वीपों के पर्वतों की संख्या २६२ | १६ ऋषभदेव और भरत चक्रवर्ती की २७ जम्बूद्वीपस्थ वन, वृक्ष, सरोघर एवं ।
दण्डनीति, ऋषभदेव का मोक्ष गमन २८३ __ महादेशों की संख्या
२६२ | १७ चतुर्थ काल का वर्णन २८ जम्बूद्वीपस्थ समस्त न दियों का विवेचन २६३ | १८ चौबीस तीर्थंकरों का वर्णन २८५ २६ कुण्डों का प्रमाण एवं शेष द्वीपों के | १६ तीर्थंकरों का अन्तरकाल
२८६ ___ भद्रशाल मादि का प्रमाण
२६४ | २० जिनधर्म का उच्छेदकाल ३० विदेहक्षेत्र के प्रति आशीर्वचन २६४ २१ हुण्डावसर्पिणी काल की विशेषताएं २९२ ३१ अधिकारान्त मंगलाचरण
२२ बारह चक्रवतियों के नाम, उत्सेध व
२६३ प्रायु नयम अधिकार
२३ चक्रवतियों का वर्तनाकाल २६५ (छह कालों का प्ररूपण)
२४ चक्रवतियों की गति विशेष २६५ १ मंगलाचरण
२५ नव बलदेवों के नाम, उत्सेध और आयु २६६ २ छह कालों का सामान्य वर्णन २६७
२६ अन्य सम्पदा, शरीर वर्ण गति आदि ३ प्रथम काल का सामान्य वर्णन
का कथन ४ दश प्रकार के कल्पवृक्षों का वर्णन
२६६ २६७ २७ बलभद्रों का वर्तना काल
२६५ ५ भोगभूमि का अवशिष्ट वर्णन
२८ नव नारायण, नाम, स्वभाव, शरीर ६ भोगभूमिज जीवों की उत्पत्ति एवं वृद्धि
वर्ण और उत्सेध
२६९ ___ का वर्णन
२६ नारायणों को प्राथु का कथन २६. ७ भोगभूमिज जीवों की अन्य विशेषताएँ २७०
३० नारायणों को विभूति का वर्णन ८ दाता और पात्रदान के भेदसे फल में भेद २७१ |
| ३१ नारायणों की गति विशेष का वर्णन २६ ६ भोगभूमिज जीवोंकी मृत्यु का कारण और गतिबंध
| ३२ प्रतिवासुदेवों के नाम, उत्सेध, वणं एव
स्वभाव १० द्वितीय और तृतीय काल का वर्णन २७१ |
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