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________________ पृष्ठ सं० २७६ [ ३४ ] क्रम सं० पृष्ठ सं०] क्रम सं० २० भद्रशाल की वेदी पर्यंत देशों, वक्षारों ११ कुलकरों का उत्पत्ति समय, प्रथम दो एवं विभंगा नदियों का अवस्थान २५५ | कुलकरों का वर्णन २७३ २१ वनों, वेदियों, वक्षार पर्वतों और देशों ( १२ क्षेमंकर आदि तीन कुलकरों का वर्णन २७४ का पायाम २५६ | १३ सोमंघर आदि चार कुलकों का स्वरूप २२ विभंगा नदियों का मायाम २५७ वर्णन २३ विदेहस्थ रक्तादि ६४ नदियोंका आयाम २५७ | १४ अभिचंद्र और चंद्राभ कुलकरों का वर्णन २७८ २४ विदेह का विस्तृत वर्णन २५८ | १५ मरुदेव, प्रसेनजित और नाभिराय कुल२५ जम्बूद्वीपस्थ समस्त पर्वतोंको एकत्र संख्या २६२ | करों का वर्णन २८० २६ अवशेष द्वीपों के पर्वतों की संख्या २६२ | १६ ऋषभदेव और भरत चक्रवर्ती की २७ जम्बूद्वीपस्थ वन, वृक्ष, सरोघर एवं । दण्डनीति, ऋषभदेव का मोक्ष गमन २८३ __ महादेशों की संख्या २६२ | १७ चतुर्थ काल का वर्णन २८ जम्बूद्वीपस्थ समस्त न दियों का विवेचन २६३ | १८ चौबीस तीर्थंकरों का वर्णन २८५ २६ कुण्डों का प्रमाण एवं शेष द्वीपों के | १६ तीर्थंकरों का अन्तरकाल २८६ ___ भद्रशाल मादि का प्रमाण २६४ | २० जिनधर्म का उच्छेदकाल ३० विदेहक्षेत्र के प्रति आशीर्वचन २६४ २१ हुण्डावसर्पिणी काल की विशेषताएं २९२ ३१ अधिकारान्त मंगलाचरण २२ बारह चक्रवतियों के नाम, उत्सेध व २६३ प्रायु नयम अधिकार २३ चक्रवतियों का वर्तनाकाल २६५ (छह कालों का प्ररूपण) २४ चक्रवतियों की गति विशेष २६५ १ मंगलाचरण २५ नव बलदेवों के नाम, उत्सेध और आयु २६६ २ छह कालों का सामान्य वर्णन २६७ २६ अन्य सम्पदा, शरीर वर्ण गति आदि ३ प्रथम काल का सामान्य वर्णन का कथन ४ दश प्रकार के कल्पवृक्षों का वर्णन २६६ २६७ २७ बलभद्रों का वर्तना काल २६५ ५ भोगभूमि का अवशिष्ट वर्णन २८ नव नारायण, नाम, स्वभाव, शरीर ६ भोगभूमिज जीवों की उत्पत्ति एवं वृद्धि वर्ण और उत्सेध २६९ ___ का वर्णन २६ नारायणों को प्राथु का कथन २६. ७ भोगभूमिज जीवों की अन्य विशेषताएँ २७० ३० नारायणों को विभूति का वर्णन ८ दाता और पात्रदान के भेदसे फल में भेद २७१ | | ३१ नारायणों की गति विशेष का वर्णन २६ ६ भोगभूमिज जीवोंकी मृत्यु का कारण और गतिबंध | ३२ प्रतिवासुदेवों के नाम, उत्सेध, वणं एव स्वभाव १० द्वितीय और तृतीय काल का वर्णन २७१ | २६४ २६६
SR No.090473
Book TitleSiddhantasara Dipak
Original Sutra AuthorBhattarak Sakalkirti
AuthorChetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages662
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size15 MB
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