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जैन पाठावली)
(५३ २ . (१) जीवन मे सादगी बढाते रहना चाहिए और आवश्यकताएँ कम करनी चाहिए ।
(२) सदैव सावधान रहना चाहिए और इस बात का सध्यान रखना चाहिए कि कमी या कही भूल न होने पावे। a (३) जो कुटेवे घर कर बैठी हैं, उन्हे दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए ।
maryam
पाठ चौदहवां
पहला अणुव्रत __ ( सूत्रपाठ-थूलपाणाइवायाओ-वेरमणं )
पढमं अणुव्वयं थूलपाणाइवाय-वेरमणं । तसजीवे बेइंदिय-तेइंदिय-चरिदिय-पंचिदिय-जीवे णाऊण आउट्टीहणणबुद्धीए हणणहणावणपच्चक्खाण, ससरीरसविसेसपीडाकारिणो,ससंवन्धी सरीरसविसेसपीडा. कारिणो, सावराहिणो वा वज्जिऊण । ___ जावज्जीवाए दुविहं तिविहेणं, न करेमि, न कारवेमि मणसा, वयसा, कायसा, एअस्स पढमस्स थलगपाणाइवायवेरमणस्त समणोवासएण पंच आइयारा पेयाला जाणियन्वा, न समायरियव्वा तं जहा